जयपुर । राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में वैचारिक प्रवाह की वकालात करते हुये कहा कि शिक्षा को राज्याश्रित की बजाय समाज आश्रित किये जाने की जरूरत है।
मेघवाल ने आज यहां राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में कहा कि शिक्षा को सर्वव्यापी बनाने में भामाशाह की महत्ती भूमिका हो सकती है। उन्होंने शिक्षित बेरोजगारों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुये उनकी मानसिकता पर गहराई से चिंतन किये जाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में इस बात पर चिंतन होना चाहिए कि कैसे समग्र शिक्षा में सभी को रोजगार मिले। उन्होंने राज्य में शिक्षा क्षेत्र में सहयोग करने वाले भामाशाहों और प्रेरकों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि धन की महिमा पुण्य और कल्याणार्थ कार्यों में ही है।
समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि भामाशाहों के सहयोग से राज्य में नालन्दा, तक्षशिला की तर्ज पर विद्यालय स्थापित किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले 23 सालों के मुकाबले इस बार भामाशाहों ने रिकॉर्ड शैक्षिक सहयोग किया है। समाज ऐसे सभी भामाशाहों के प्रति कृतज्ञ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और भामाशाहों के सम्मिलित प्रयासों से देश में 26वें स्थान पर रहने वाला राजस्थान शैक्षिक विकासों से आज देशभर में दूसरे स्थान पर आ गया है।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, संस्कार हमारी शिक्षा का प्रमुख आधार हैं। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में हुए कार्यों की चर्चा करते कहा कि राज्य के विद्यालय निरन्तर उत्कृष्ट हो रहे हैं। आज प्रदेश में 25 हजार से अधिक विद्यालय फाइव स्टार श्रेणी के हैं। प्रदेश में रिकॉर्ड 7 हजार 500 विद्यालय क्रमोन्नत किये गए हैं। प्रत्येक विद्यालय में भारत दर्शन गलियारा बनाया जा रहा है। शिक्षा में सहयोग के अंतर्गत ज्ञान संकल्प पोर्टल में 31 करोड़ का सहयोग राज्य को मिला है।
समारोह में 116 भामाशाहों और 50 प्रेरकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री मेघवाल ने भामाशाह प्रशस्ति पुस्तिका का लोकार्पण किया।