बीकानेर। राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राज्य की पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पांच वर्ष के शासन में शिक्षा विभाग का बंटाधार करके उसे प्रयोगशाला बनाकर छोड़ दिया।
डोटासरा ने सोमवार को गंगानगर में पत्रकारों से कहा कि भाजपा ने कभी सरकारी स्कूल की छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलों का रंग बदला, तो कभी विद्यालय ही बंद कर दिए।
पाठ्यक्रमों में अपनी राजनीतिक विचारधारा को थोपने के लिए उसमें परिवर्तन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण ही सरकारी स्कूलों में नामांकन कम होता जा रहा था। अब हमने शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है जो पाठ्यक्रमों की समीक्षा करेगी।
डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जिन विद्यालयों को बंद किया गया, इनकी समीक्षा करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इनको दुबारा खोलने का प्रयास किया जाएगा ताकि गरीब परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया हो सके।
भाजपा सरकार ने शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) का तोड़-मरोडक़र उल्लंघन किया है। इसकी भी समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इस अधिकार को कानून के अनुरूप बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम भाजपा की तरह विधिवरुद्ध अपनी राजनीतिक विचारधारा थोपने का काम नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि तृतीय श्रेणी के अध्यापकों की रुकी हुई भर्ती-नियुक्ति का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। अगली तारीख-पेशी पर हमने इस मामले में अभ्यर्थियों के हित ध्यान में रखते हुए पैरवी करने के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय के निर्णय आने पर उसीके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।
डोटासरा ने बताया कि विद्यार्थी मित्र, संविदाकर्मी, प्रबोधक, पैराटीचर और एनएचआरएम के कार्मिकों के बारे में सरकार ने अपनी पहली मंत्रिमंडलीय बैठक में ही इनकी समीक्षा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। जल्दी ही कमेटी की बैठक बुलाकर इन सभी कार्मिकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
शिक्षा विभाग में लम्बे समय से चल रहे कार्मिकों की प्रतिनियुक्तियों के बारे में शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि वे जल्दी ही विभाग के अधिकारियों को निर्देश देकर ऐसे सभी कर्मचारियों की नामों के साथ सूची मंगवाएंगे। प्रत्येक कर्मचारी के बारे में विस्तार से जानकारी ली जाएगी कि कि अब तक के अपने सेवाकाल में कितने समय तक वह प्रतिनियुक्ति पर रहा है। इसके बाद इस प्रतिनियुक्ति के खेल को भी विभाग में खत्म किया जाएगा।
डोटासरा ने कहा कि अधिकारियों को स्पष्ट किया जा रहा है कि वे अनावश्यक रूप से कर्मचारियों को प्रताड़ित नहीं करें। अगर कोई प्रताड़ित करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।