शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया का पहला डेवलपमेंट इम्पैक्ट बाॅण्ड (डीआईबी) भारतीय एनजीओ को संचालन संबंधी और वित्तीय सेवा से जुडा लचीलापन प्रदान करता है, जो तीन साल के कार्यक्रम के तहत लड़कियों को महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पार करने के लिए शिक्षित करता है। नतीजे बताते हैं कि भारत के राजस्थान प्रांत में कार्यक्रम क्षेत्र में पहचाने जाने वाली सभी आउट-आॅफ-स्कूल लडकियों में से 92 प्रतिषत ने स्कूल में दाखिला ले लिया था, जबकि एजूकेट गल्र्स के विद्यार्थियों और अन्य लोगों के बीच सीखने में अंतर एक वर्ष की तुलना में चैगुना हो गया था।
ज्यूरिख दुनिया के पहले परिचालन डेवलपमेंट इम्पैक्ट बाॅण्ड (डीआईबी) ने नामांकन लक्ष्य का 116 प्रतिशत और अपने अंतिम वर्ष में सीखने के लक्ष्य का 160 प्रतिशत हासिल किया है। ये प्रभावशाली परिणाम हैं, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि छात्रों की सीखने की गति, कार्यक्रम के पहले दो वर्षों के बाद काफी पीछे चल रही थी। इस मॉडल ने नवाचारों को नई गति की ओर अग्रसर किया है
इसके केंद्र में, एक बेहतर बाल-केंद्रित पाठ्यक्रम है, जिसकी वजह से प्रतिभागी और गैर-प्रतिभागी विद्यार्थियों के बीच पहले वर्ष की तुलना में सीखने का अंतर चैगुना नजर आता है। एजूकेट गल्र्स ने मुश्किल से स्कूलों में नामांकन कराने वाली लडकियों की संख्या में सुधार करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया और इस दिशा में शिक्षा के प्रति समुदायों की सोच को बदलने का काम किया।
डीआईबी ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकित स्कूली लड़कियों की संख्या के साथ-साथ अंग्रेजी, हिंदी और गणित में लड़कियों और लड़कों की प्रगति के लिए सहमत लक्ष्यों के अनुसार प्रगति को भी जांचने का प्रयास किया। एजूकेट गल्र्स ने प्रदर्शन-प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करके अपना दृष्टिकोण तैयार किया, जबकि एक गैर-लाभकारी मूल्यांकन फर्म आईडीइनसाइट ने नियंत्रण समूह में समान विद्यालयों के परिणामों की तुलना में पाठ्यक्रम सुधारों को सक्षम बनाया। परंपरागत अनुदान-निर्माण दृष्टिकोण की तुलना में, इस संविदात्मक रूप से सहमत भुगतान-दर-परिणाम मॉडल ने एजूकेट गल्र्स को नवाचार करने और अंततः अधिक प्रभाव हासिल करने की अनुमति दी।
इस मॉडल को मजबूत साझेदारी द्वारा समर्थन हासिल हैः यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन, जिसने 270,000 अमरीकी डालर की अग्रिम कार्यशील पूंजी प्रदान की, ने अपने शुरुआती वित्त पोषण के साथ-साथ आउटकम पेयर चिल्ड्रन्स इंवेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीआईएफएफ) से 15 प्रतिशत रिटर्न के साथ अपना शुरुआती फंड वापस हासिल किया। एजूकेट गल्र्स को बोनस भुगतान के रूप में वापसी का हिस्सा प्राप्त होगा।
जबकि बाकी का उपयोग यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन के अन्य कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। साझेदारी में एक गैर-लाभकारी, परिणाम-आधारित वित्तपोषण सलाहकार संगठन- इंस्टीग्लियो भी शामिल था, जो डिजाइन में तकनीकी सलाहकार के तौर पर जुडा था, जिसने समग्र परियोजना प्रबंधन और मध्यस्थता प्रदान की थी, जबकि आईडीइनसाइट ने विद्यार्थियों के सीखने के लाभों का आकलन करने के लिए एक कठोर रेंडम मूल्यांकन किया था।
डीआईबी का उद्देश्य लाभार्थियों के अपेक्षाकृत छोटे चयन का उपयोग करके ‘‘प्रूफ आॅफ काॅन्सेप्ट‘‘ होना था। इसका अंतिम लक्ष्य कुल मिलाकर डीआईबी की व्यवहार्यता का परीक्षण करना और 166 स्कूलों और 140 गांवों में लगभग 7,300 बच्चों के लिए शिक्षा में सुधार करना था।
यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन के सीईओ फीलिस कोस्टान्जा ने कहा की अगर हम भारत भर में हजारों लड़कियों के लिए भविष्य को संवारना चाहते हैं, तो हमें चुनौती देना, नवाचार करना और क्रिएट करना आना चाहिए। डीआईबी का शुभारंभ दर्शाता है कि हम अपने शब्दों को कैसे व्यवहार में बदल रहे हैं। यह तेजी से एक आकर्षक दृष्टिकोण को साबित कर रहा है क्योंकि लोग डीआईबी की नई और बहुत आवश्यक धनराशि सुरक्षित करने और महत्वपूर्ण और टिकाऊ सामाजिक रिटर्न देने की क्षमता को पहचानते हैं।
एजूकेट गल्र्स की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सफीना हुसैन ने कहाः ‘‘एजूकेट गल्र्स के लिए एक तरह से यह आत्म-खोज करने जैसी यात्रा रही है। वित्त पोषण ने हमें हाशिए पर खडी लडकियों की बडी संख्या को स्कूल तक पहुंचाने के लिए समाधानों को लागू करने और उनके सीखने के स्तर में काफी सुधार करने में सक्षम बनाया है। पहली बार हाशिए वाले पहले पीढ़ी के शिक्षार्थियों की एक बड़ी संख्या। अंतिम परिणाम हमारे प्रयासों का प्रमाण हैं और हमें विश्वास दिलाते हैं कि कार्यक्रम के तहत एजूकेट गल्र्स हर बच्चे को स्केल और वैल्यू के आधार पर गुणवत्ता प्रदान कर सकता है।‘‘
सीआईएफएफ के सीईओ केट हैम्पटन ने कहा की डीआईबी एक नया फाइनेंसिंग टूल है जिसका उपयोग प्रदर्शनकारी परिणामों के साथ अभिनव स्थानीय समाधानों का समर्थन करने और उन्हें जांचने के लिए किया जा सकता है। सीआईएफएफ को लडकियों को स्कूल तक पहुंचाने और सीखने में उनकी मदद करने के काम में एजूकेट गल्र्स और यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। सत्यापित, असली दुनिया का प्रभावः लड़कियों को स्कूल में ले जाना और उन्हें सीखने में मदद करना। हमें आशा है कि अन्य लोग नवाचार और महत्वाकांक्षा के साथ शिक्षा के इस माॅडल को आगे बढाएंगे।
डीआईबी दृष्टिकोण के इस सफल प्रदर्शन के बाद और अनुभव से कई सबक सीखने के बाद, यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन एक नई शिक्षा डीआईबी पर काम कर रहा है, जिसे इस वर्ष के अंत में घोषित किया जाएगा।