नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि जिन चार राज्यों में आयुष्मान योजना को लागू नहीं किया गया है, वहां गरीब हितकारी इस योजना को लागू कराने के निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं और संबंधित राज्य सरकारों से फिर ऐसी अपीलें बराबर की जा रही हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्य सभा में प्रश्न काल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नीरज शेखर के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना में आयुष्मान योजना लागू नहीं की गयी है। इन राज्य सरकारों से गरीबों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लागू करने की अपील कई बार की गयी है।
डॉ हर्षवर्धन ने भाजपा के विनय सहस्त्रबुद्धे के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के माध्यम से आयुष्मान योजना को लागू करने की कोई योजना नहीं है। संघीय व्यवस्था के तहत अभी तक सिर्फ राज्य सरकारों के माध्यम से ही इस योजना को लागू किया जा रहा है और अन्य किसी इकाई के जरिए इसे लागू करने का विचार नहीं है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत अब तक देश में 80 लाख से अधिक मरीज भर्ती होकर अपना उपचार करवा चुके हैं। गत वर्ष 29650 वेलेनेस सेंटर स्थापित किये गये हैं और इस वर्ष के अंत तक इनकी संख्या 48 हजार हो जायेगी। वर्ष 2022 तक वेलनेस सेंटर की संख्या एक लाख 50 हजार तक करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के व्यापक रूप से शामिल होने से इसकी गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा और शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के निरन्तर प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के चिकित्सा महाविद्यालयों को जिला अस्पताल से संबंद्ध करने से मरीजों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। ऐसे करार करते समय मरीजों के हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे करारों में सरकारी सुविधा से जुड़ी हर चीज का खयाल रखा जायेगा।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि किडनी के मरीजों के लिए प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम के तहत इससे जुड़ी सामाजिक संस्थाओं को सरकार सहायता देती है जिससे पीड़ितों को सहूलियतें मिल सकें।