काहिरा। मिस्र की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मुस्लिम ब्रदरहुड के 22 में से 11 सदस्यों को बुधवार को 25 वर्ष कैद की सजा सुनाई। कैदियों में मुस्लिम ब्रदरहुड आंदोलन के मिस्र शाखा के प्रमुख भी शामिल है।
आपराधिक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा पाने वाले 11 लोगों पर हमास समेत विदेशी संगठनों से सूचना का आदान-प्रदान करने और देश में आतंकवादी हमलों के लिए समन्वय करने का आरोप लगाया। अदालत ने तीन लोगाें को 10 साल और दो को सात वर्ष कैद की सजा सुनायी है जबकि छह को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
वर्ष 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के तख्ता पलट के बाद उत्पन्न अस्थिरता का लाभ उठाते हुए मुस्लिम ब्रदरहुड ने मोहम्मद मुर्सी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया था और मुर्सी उसी वर्ष जून में चुनाव जीत भी गए।
वर्ष 2013 में मुस्लिम ब्रदरहुड के नेतृत्व में असंतोष उत्पन्न होने के कारण मुर्सी को अपनी कुर्सी गवांनी पड़ी थी। अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की स्थापना 1929 में हुई थी और करीब 70 देशों में इसकी शाखाएं हैं।