अजमेर। ईदुलजुहा (बकरीद) के मुबारक मौके पर आज राजस्थान में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की नगरी अजमेर में अकीदतमंदों ने विशेष नमाज अता कर देश में अमनो-अमान, खुशहाली, भाईचारे एवं तरक्की की दुआ की।
पैगंबर हजरत इब्राहिम की सुन्नत के रूप में आम मुस्लिम समाज ने सामूहिक नमाज में शिरकत करने के बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। अजमेर में मुख्य नमाज केसरगंज स्थित ईदगाह पर सुबह 8:30 बजे शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की सदारत में नमाज अता की गई। जिसमें अजमेर शहर के अलावा आसपास के देहाती क्षेत्रों से आए मुसलमानों ने नमाज पढ़ी।
नमाजी सुबह से ही ईदगाह में शफे बनाकर बैठ गए और परंपरागत एवं धार्मिक रस्मों के बीच नमाज अता की। नमाज के बाद शहर कांग्रेसियों ने अध्यक्ष विजय जैन के नेतृत्व में सभी मुस्लिमों को कांग्रेस की ओर से ईद की मुबारकबाद दी।
अजमेर ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित विभिन्न मस्जिदों के अलावा कचहरी मस्जिद, मस्जिद घंटाघर, संदली मस्जिद, शहांजहानी मस्जिद, रातीडांग ईदगाह, सूफी मस्जिद सोमलपुर पर भी नमाज अदा की गई। ईद के मौके पर तड़के चार बजे दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा भी खोला गया जिसे जौहर की नमाज के बाद ढाई बजे बंद कर दिया जाता है।
जन्नती दरवाजे से ख्वाजा साहब की मजार तक जाने के लिए जायरीनों में होड़ मची रही जिससे रौनक बरकरार है। राजस्थान प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों, गुजरात तथा जम्मू कश्मीर से आए मुसलमानों ने भी छोटे हज के रुप में बीती रात दरगाह में रहकर इबादत की। जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित दरगाह कमेटी मुस्तैद नजर आई।
बकरीद के मौके पर अजमेर दरगाह शरीफ पर कुर्बानियों का दौर भी शुरू हुआ। एडवोकेट हाजी फैय्याज उल्लाह के 135 किलो वजनी सलमान तथा अब्दुल गनी गुर्जदेजी के तीन वर्षीय इरफान को पंजतन पाक के नाम पर कुर्बान किया जा रहे है।
इसी तरह इनमें शेरु, चंदा, हैदर नाम के बकरे भी शामिल है। इससे पहले दरगाह के मुख्य निजाम गेट के बाहर देर रात कुर्बान किए जाने वाले बकरों का प्रदर्शन कर उन्हें दुलारा गया और आज बकरीद के मौके पर अल्लाह की राह में कुर्बान कर दिया गया।