अजमेर। 30वें एवं आखिरी रोजे के साथ ही रविवार को रमजान माह समाप्त हुआ और ईद का आगाज हो गया।
राजस्थान के अजमेर शरीफ में लॉकडाउन के चलते मुस्लिम परिवारों ने बीते कल चांद दिखाई नहीं देने की स्थिति में आज आखिरी रोजा रखते हुए अभी 7.19 पर इफ्तार किया और परस्पर ईद की मुबारकबाद भी दी।
ईद के आगाज के साथ ही ख्वाजा साहब की दरगाह में दरगाह कमेटी के कार्मिकों ने रोशनी के समय शादियाने बजाए तथा दरगाह के पिछवाड़े बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप दागी गई जो इस बात का संकेत रहा कि ईद के आगाज के साथ ही कल अजमेर सहित पूरे मुल्क में खुशी और भाईचारे का त्योहार ईदुलफितर मनाया जाएगा।
ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से जुड़ी खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने बताया कि लॉकडाउन नियमों की पालना के बीच दरगाह में सभी धार्मिक रस्में अता की जाएंगी।
इसी क्रम में कल अलसुबह 4.30 बजे ईदुलफितर के मौके पर परंपरागत तरीके से जन्नती दरवाजा भी खोला जाएगा जिसे दोपहर ढाई बजे मामूल कर दिया जाएगा। सभी लोग अपने घरों पर ही नमाज अदा करेंगें।
दरगाह नाजिम शकील अहमद ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान धार्मिक स्थल बंद होने के कारण अजमेर में केसरगंज स्थित ईदगाह पर सार्वजनिक नमाज नहीं होगी और न ही दरगाह से जुड़ी अन्य मस्जिदों पर नमाज अदा की जाएगी।
शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने सभी मुस्लिम संप्रदाय से ईदगाह व मस्जिदों में नमाज नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि वे अपने घरों में ही नमाज अदा करे। अजमेर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने भी ईद की मुबारकबाद देते हुए आग्रह किया है कि लॉकडाउन की पालना सख्ती से करते हुए सभी लोग घरों पर ही रहे तथा घर पर ही नमाज अदा कर खुशियों को साझा करें।