ढाका। ढाका प्रीमियर लीग (डीपीएल) के मैच अधिकारियों का एक समूह उस समय बड़े हादसे का शिकार होने से बच गया, जब सावर औद्योगिक क्षेत्र में विरोध कर रहे कपड़ा श्रमिकों और पुलिस के बीच शनिवार सुबह हिंसक झड़प के दौरान उन्हें बांग्लादेश क्रीड़ा शिखा प्रतिष्ठान ले जा रही कार पर हमला कर दिया गया।
समझा जाता है कि उस वक्त आठ अधिकारी मैच रेफरी देबब्रत पॉल और आदिल अहमद, अंपायर शफीउद्दीन, तनवीर अहमद, अब्दुल्ला अल मोतिन, इमरान परवेज, बरकतुल्लाह तुर्की और सोहराब हुसैन कार में मौजूद थे और बीकेएसपी में होने वाले दो डीपीएल मैचों में अंपायरिंग करने जा रहे थे। झड़प के दौरान कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के बाद जाम में फंसे अन्य वाहनों पर भी हमला किया गया।
घटना के चश्मदीद ने एक बयान में कहा कि हजारों प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने उन कारों पर हमला किया जो ट्रैफिक में 15 से 20 मिनट तक फंसी हुईं थी। डीपीएल के अधिकारी स्थानीय पुलिस और बीसीबी सुरक्षाकर्मियों की मदद से यहां से निकलने में सफल रहे।
इस दौरान कार की खिड़कियों के कांच के छोटे-छोटे टुकड़े अधिकारियों के ऊपर गिरे, हालांकि उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई। उस वक्त अधिकारियों को बीकेएसपी ले जाना ही सही रहा। इन सब के चलते डीपीएल के निर्धारित मैच 30 मिनट की देरी से आयोजित किए गए।
ढाका महानगर क्रिकेट समिति के अध्यक्ष काजी इनाम अहमद ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए कहा कि मैच अधिकारियों ने इस तरह की घटना के सामने बहुत साहस दिखाया। वे सुबह 9.30 बजे मैच शुरू कर सकते थे। मैच अधिकारियों के पास एक पुलिस एस्कॉर्ट था, लेकिन उनमें से चार उस विरोध प्रदर्शन में हजारों लोगों का सामना कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि डीपीएल के इस सत्र के प्रत्येक मैच के दिन देश के सबसे बड़े खेल संस्थान बीकेएसपी में चार मैच होते हैं, जिसके दो मैदान हैं। डीपीएल के मैच अधिकारी ढाका के एक होटल में बीसीबी के बायो-बबल में रह रहे हैं और प्रत्येक मैच के दिन 40 किलोमीटर की यात्रा करके मैदान पर पहुंचते हैं।