मेंगलूरु। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले और मलनाड क्षेत्र में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण तेज हवाओं और भारी बारिश से कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
एक दुखद घटना में मेंगलूरु तट से दूर समुद्र में शनिवार को एक नौका पलट गई। स्थानीय लोगों ने ट्यूब का उपयोग करके नाव पर सवार आठ सदस्यों में से तीन लोगों को बचा लिया, जबकि दो लोगों के शव बरामद हो गए हैं और तीन लोग अभी भी लापता हैं।
उपायुक्त डॉ. केवी राजेंद्र ने बताया कि नाव कोरोमंडल पर सवार नौ सदस्यों के बचाव अभियान को अंजाम देने के लिए सोमवार को एक हेलिकॉप्टर मेंगलोर हवाई अड्डे पर उतरा और राहत एवं बचाव अभियान सोमवार को शुरू हुआ।
उन्होंने बताया कि भारतीय तटरक्षक और तटीय सुरक्षा पुलिस के जवान छह मीटर की ऊंचाई तक उठती लहरों तथा 25 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं की वजह से समुद्र की स्थिति खराब होने के कारण राहत एवं बचाव अभियान नहीं चला सके थे। इसकी वजह से बचाव अभियान में कमी आई है।
भारतीय तटरक्षक का पोत आईएनएस वराह मुल्की रॉक्स से महज 500 मीटर की दूरी पर है और स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। इस बीच दक्षिण कन्नड तथा उडुपी जिलों में बारिश रूक गयी है, लेकिन आसमान में बादल छाए हुए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में ताउते का असर 20 मई तक रहने के आसार हैं। तेज हवाओं तथा चक्रवात के कारण दक्षिण कन्नड जिले में, आधारभूत ढांचों, घरों तथा सड़कों की भारी क्षति हुई हैं।
ताउते तूफान के कारण दक्षिण कन्नड जिले में शनिवार से भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण नाले और छोटी नदियां उफान पर हैं। कादनुरु और बेत्री में कावेरी नदी के स्तर में काफी वृद्धि हुई है।
प्रभारी जिला मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने रविवार रात आपातकालीन बैठक के दौरान कहा कि दक्षिण कन्नड़ जिले में पिछले 24 घंटों में चक्रवात ताउते के कारण हुई भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण 14 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लगभग 108 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस जिले के निचले क्षेत्रों में रहने वाले 84 परिवार भारी बारिश के कारण प्रभावित हुए हैं। वहीं लगभग 380 प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां पर सभी लोगों की कोरोना जांच की जाएगी। यदि कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जिला प्रशासन को सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद नलिन कुमार कटील ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रक्रिया बल, राज्य आपदा प्रक्रिया बल तथा पुलिस विभाग प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगे तथा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाएंगे। चक्रवात ताउते के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए मेस्कॉम कर्मचारियों को तैयार रहना चाहिए।