भोपाल। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में एक निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कथित तौर पर इलाज के पैसे नहीं देने पर बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांधने की घटना के संबंध में राज्य मानव अधिकार आयोग ने दो सप्ताह में जिला प्रशासन से प्रतिवेदन मांगा है।
आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार शुक्रवार की इस घटना के सिलसिले में शाजापुर जिला प्रशासन को मामले की जांच के लिए भी कहा गया है। दो सप्ताह में प्रतिवेदन में यह बताने के लिए भी कहा गया है कि बुजुर्ग को किस बीमारी के चलते शाजापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसे क्या क्या दवाएं दी गईं।
आयोग ने इस घटना के वायरल वीडियो और इस संबंध में मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से जिला प्रशासन से जवाब तलब किया है। घटना के अनुसार शाजापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग मरीज को पलंग पर बांधने का वीडियो शनिवार को वायरल हुआ।
मरीज का नाम लक्ष्मीनारायण है और वह पड़ोसी राजगढ़ जिले के रनारा गांव का निवासी है। मरीज की बेटी ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार रात पैसे खर्च होने पर जब पिता की छुट्टी करानी चाही तो अस्पताल ने और पैसे मांगे। लगभग दस हजार रुपए पहले ही दे दिए गए थे।
पुत्री द्वारा पैसा नहीं होने की बात कहने पर अस्पताल के लोगों ने बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांध दिया। इस बीच हंगामा हुआ तो प्रबंधन ने मरीज को जाने दिया। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने दलील दी कि बुजुर्ग को मस्तिस्क संबंधी बीमारी है और उस पर नियंत्रण के लिए उसे पलंग से बांधा गया।
वहीं शाजापुर से मिले समाचार के अनुसार इस मामले के तूल पकड़ते ही जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया और उसने प्रारंभिक जांच के बाद अस्पताल को कल रात सील कर दिया है। इस घटना के संबंध में गहन पड़ताल की जा रही है।
गहलोत सरकार विधायकों की बाड़ेबंदी कर कोरोना नियमों की उड़ा रही धज्जियां : राजेन्द्र राठौड़
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पॉलिटिकल टूरिज्म के नाम पर गुजरात के कांग्रेस विधायकों की सिरोही जिले में आबूरोड स्थित एक होटल में बाड़ाबंदी कर वैश्विक महामारी कोरोना के चलते राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
राठौड ने आज बयान जारी कर कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते केन्द्र सरकार की एडवाइजरी पर राज्य सरकार ने आठ जून से रेस्टोरेंट, होटल एवं मॉल्स को खोलने का फैसला किया है जबकि इससे पहले राजस्थान में सारे होटल एवं मॉल्स बंद होने के बावजूद राज्य सरकार ने किन अधिकारों का उपयोग करते हुए 48 घंटे पूर्व होटल खुलवाया और होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी कराई गई।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के अंदर दो कानून लागू करने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार की जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरेआम राजस्थान महामारी अधिनियम का उल्लंघन हो रहा था जिस पर जागरूक लोगों ने जब एफआईआर दर्ज कराने की बात कही तो उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
राठौड़ ने कहा कि इससे ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने वाली इस सरकार की कलई खुल गई है। आज देश के अंदर बिखरती हुई कांग्रेस को एकजुट करने के लिए जिस प्रकार की बाडाबंदी कांगेस पार्टी को करनी पड़ रही है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है।