सुपौल। बिहार के सुपौल जिले में प्रतापगंज थाना क्षेत्र के भेंगाधार के निकट एक किशोरी और एक महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का विरोध करने पर अपराधियों की गोली का शिकार हुई नाबालिग की बड़ी बहन की इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि मृतका अपने पति, दो बच्चे एवं 13 वर्षीय बहन के साथ अपने ननिहाल दशहरा मनाने नवमी को अररिया जिले के खामखोलपट्टी से यहां आई थी। वह और उसका परिवार मामा-मामी के साथ मंगलवार रात तीन टोलिया में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन देख कर घर लौट रही थी। भेंगाधार के निकट पूर्व से घात लगाए सात-आठ लोगों ने पहले उनके साथ लूटपाट की और फिर मृतका, उसकी बहन और मामी के साथ छेड़खानी करने लगे।
मृतका ने जब इसका विरोध किया तो अपराधियों ने उसे गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया और उसकी बहन को जबरन उठाकर थोड़ी दूर ले जाकर दुष्कर्म किया। अपराधियों का हौसला इतना बुलंद था कि वे इतने पर भी नहीं माने और उन लोगों ने पीड़िता की मामी को भी जबरन कुछ दूर ले जाकर उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया।
सूत्रों ने बताया कि गाेली चलने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग जमा हाे गये और पीड़ितों को राघोपुर थाना लेकर आये। पीड़िता की बहन को सिमराही रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे पटना रेफर कर दिया, जहां निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आज उसकी मौत हो गई।
वहीं, परिजनों का आरोप है कि इस दौरान राघोपुर और प्रतापगंज थाने की पुलिस संवेदनहीन बनी रही। मामले की प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर दोनों थाने की पुलिस करीब 18 घंटे तक सीमा विवाद में ही उलझी रही। अंतत: मामला तूल पकड़ने के बाद वरीय पुलिस अधिकारियों को होश आया और उनके हस्तक्षेप के बाद मामले की प्राथमिकी प्रतापगंज थाने में दर्ज हुई।
इस बीच सहरसा से स्वान दस्ता मंगवा कर इस मामले में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गयी है। लेकिन, पुलिस को अभी तक एक अपराधी को भी गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिल पाई है। पुलिस प्रयासरत है लेकिन क्षेत्र के लोगों में पुलिस अधिकारियों के इस मामले में उदासीन रवैये को लेकर भारी आक्रोश और दुख है।