नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के लिए निर्वाचन आयोग के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी के बाद चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए हुए विधानसभा चुनावों और कुछ उपचुनावों के परिणाम के उपरांत विजय जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गई है।
आयोग ने मंगलवार को एक बयान जारी करके कहा कि चार राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल, एवं केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों तथा कुछ राज्यों में हुए उपचुनावों के मतों की गिनती आगामी दो मई को निर्धारित है और पिछले वर्ष के कोरोना गाइडलाइन पर अमल के अलावा विजयी उम्मीदवारों द्वारा किसी भी प्रकार का विजय जुलूस निकालने पर प्रतिबंध रहेगा।
आयोग ने कहा कि दो मई 2021 को मतगणना के बाद किसी भी प्रकार के विजय जुलूस की अनुमति नहीं होगी। संबंधित निर्वाचन अधिकारी से विजय प्रमाण पत्र हासिल करने के वक्त विजयी उम्मीदवार या उसके प्रतिनिधि के साथ दो से अधिक व्यक्ति रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आयोग ने कहा कि देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उसने मतगणना प्रक्रिया में 21 अगस्त 2020 के दिशानिर्देशों पर अमल के अलावा अन्य कठोर प्रावधान भी किए हैं।
गौरतलब है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को कोरोना की दूसरी लहर के लिए आयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे ‘सबसे गैर जिम्मेदार संस्था’ करार दिया। न्यायालय ने कहा था कि आयोग के अधिकारियों पर हत्या का भी मामला दर्ज किया जा सकता है।