नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मिशन शक्ति’ संबोधन पर विपक्षी दलों की ओर से की गई आपत्तियों पर संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है, विपक्षी दलों का आरोप है कि मोदी ने अपने इस संबोधन के जरिये आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
चुनाव आयोग ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर आज दोपहर बाद राष्ट्र को संबोधित करने के मामले का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने अधिकारियों की एक समिति को चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर जल्द से जल्द इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
इससे पहले आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि मोदी के द्वारा राष्ट्र को संबोधित करने से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।
येचुरी ने आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि पूरा देश उन विशेष कारणों को जानना चाहेगा कि चुनाव आयोग ने आम चुनावों के दौरान भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को राजनीतिक रंग देने की अनुमति क्यों दी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री के संबोधन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इससे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है और इसको लेकर वह चुनाव आयोग जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में बताया कि भारत ने दुश्मन के उपग्रह को अंतरिक्ष में ही मार गिराने की क्षमता हासिल कर दुनिया की चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ समय पहले अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ (पृथ्वी की निचली कक्षा) में एक सजीव उपग्रह को स्वदेशी एंटी सैटेलाइट मिसाइल यानी उपग्रह मारक प्रक्षेपास्त्र (एसैट) से सफलतापूर्वक मार गिराया गया। यह उपग्रह एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था। अमरीका, रूस और चीन के बाद यह कारनामा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है।