नई दिल्ली। दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्र से सूचना मिलने के बाद बुधवार को नगर निगम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा टाल दी जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हार के डर से चुनाव को टाला जा रहा है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) एसके श्रीवास्तव शाम पांच बजे संवाददाता सम्मेलन के दौरान तारीखों की घोषणा करने वाले थे। उन्होंने हालांकि संवाददाताओं से कहा कि मुझे शाम 4.30 बजे केंद्र सरकार से कुछ संदेश मिला है, इसलिए मैं अभी तारीखों की घोषणा करने में समर्थ नहीं हूं। उन्होंने कहा कि हम चुनाव स्थगित नहीं कर रहे हैं। अगर 18 मई से पहले नगर निगमों का एकीकरण होता है, तो हमें स्थिति की जांच करनी होगी। इसलिए हमें इस पर कानूनी राय लेने के लिए अभी समय चाहिए।
श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार शायद एमसीडी का पुनर्गठन करना चाहती है, हो सकता है कि वे तीनों निगमों को फिर से मिला दें, इसलिए हमें इस पर विचार करना होगा और फिर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा करनी होगी। आयोग सरकार की सलाह पर गौर करेगा। उन्होंने कहा कि अगर तीनों निगम एक हो जाते हैं तो हमें उसी के अनुसार फैसला करना होगा। हम इस मुद्दे पर कानूनी राय ले रहे हैं।
केजरीवाल ने ट्वीट कर आज कहा कि भाजपा भाग गई। दिल्ली नगर निगम चुनाव टाल दिया, हार मान ली। उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले खूब ग़ुस्सा हैं। कह रहे हैं इनकी हिम्मत कि चुनाव ना कराएं? अब इनकी ज़मानत ज़ब्त कराएंगे। हमारे सर्वे में अभी 272 में से 250 सीट आ रहीं थीं। अब 260 से ज़्यादा आएंगी। पर चुनाव आयोग को भाजपा के दबाव में नहीं आना चाहिए था।
वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अपने कुकर्मों की वजह से जब भाजपा, दिल्ली एमसीडी चुनावों में बुरी तरह हारती हुई नज़र आ रही है तो उसने लोकतंत्र का गला घोंटना शुरू कर दिया है और साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग कर चुनाव आयोग को घुटनों पर लाकर रेंगने को मजबूर कर दिया है। चुनाव आयोग ने भी भाजपा के दबाव में आकर दिल्ली एमसीडी चुनावों की तारीख टाल दी।
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब देश का चुनाव आयोग जिसके कंधों पर संविधान ने, बाबा साहेब ने यह जिम्मेदारी दी कि वह समय पर निष्पक्ष तरीके से चुनाव करवाएगा, उसी चुनाव आयोग ने लोकतंत्र का गला घोंटते हुए केंद्र सरकार और भाजपा के आगे घुटने टेक दिए तथा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने से मना कर दिया।