एजल। चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय दल की मंगलवार को यहां मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी शशांक को हटाने की मांग को लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ बैठक नाकाम रही। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, एनजीओ और सिविल सोसायटी के लोग अब भी सीईओ को हटाने की मांग पर अड़े हुए है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बैठक में चुनाव आयोग का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी एल खिआंगते, चुनाव आयोग में निदेशक निखिल कुमार और चुनाव आयोग के सचिव एसबी जोशी, मुख्य सचिव अरविंद राय, एनजीओ नेता, यंग मिजो एसोसिएशन के चैयरमैन वनलालरुआता और अन्य प्रतिनिधि शामिल थे। चुनाव आयोग ने शशांक को हटाने की मांग के बाद उपजे संकट का समाधान करने के लिए इन अधिकारियों की नियुक्ति की है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बैठक की शुरुआत अच्छी रही लेकिन एनजीओ और सिविल सोसायटी के सदस्यों को उनकी मांग पर पुन: विचार करने के लिए मनाया नहीं जा सका।
मिजो सिविल सोसायटी के नेताओं का मानना है कि शशांक का मिजोरम के तत्कालीन गृह सचिव के खिलाफ शिकायत करना सही नहीं था। उनका यह भी मानना है कि सीईओ की कार्रवाई ब्रू समुदाय के लोगों के समर्थन में थी।
त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे अल्पसंख्यक ब्रू समुदाय के लोग राहत शिविरों में ही मतदान केंद्र स्थापित करने की मांग कर रहे हैं जिसको मिजो समाज जोरदार विरोध कर रहा है।
एक सूत्र ने बताया कि एक तरह से बैठक बेनतीजा रही। चुनाव आयोग दल ने बाद में कहा कि बैठक का पूरा ब्यौरा चुनाव पैनल के सामने रखा जाएगा। इस संबंध में अंतिम निर्णय आयोग लेगा।
वाईएमए के सूत्र ने कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने में समय लेगा। इस मुद्दे पर सीईओ के कार्यालय पर प्रदर्शन और घेराव जारी रहेगा और बुधवार से एक बार फिर इसकी शुरुआत की जाएगी।
सूत्र ने कहा कि हमारी मांग स्पष्ट है। शशांक को हटाया जाना चाहिए और त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे ब्रू मतदाताओं को राहत शिविरों में मतदान केंद्र स्थापित कर उनको कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।
इसी वर्ष हुए समझौते के अनुसार मिजोरम लौटने के इच्छुक ब्रू शरणार्थियों को किसी भी अन्य राज्य या मिजोरम के अन्य नागरिकों की तरह संबंधित मतदाता केंद्रों में मतदान करना चाहिए।
इससे पहले मंगलवार को मिजो छात्रों, एनजीओ कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के बाहर और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। अपराह्न मेें प्रदर्शनकारी आंदोलन को रोक कर चुनाव आयोग के विशेष प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने लिए सहमत हो गए थे।
राज्य के अन्य हिस्सों से भी विरोध-प्रदर्शन की जानकारी मिली है। मिजोरम-त्रिपुरा-बंगलादेश के सीमावर्ती कस्बे मामित में एनजीओ की समन्वय समिति ने मंगलवार को बंद का आयोजन कर शशांक को हटाने की मांग की।
एनजीओ की समन्वय समिति ने मिजोरम सरकारी कर्मचारी एवं कामगार संघ से आंदोलन को समर्थन देने और काम रोकने की अपील की थी।
पिछले सप्ताह तत्कालीन गृह सचिव लालनुनमावैया चौनगो को हटाने वाले चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ता जा रहा है। मिजोरम में 28 नवबंर को चुनाव होना है। मुख्यमंत्री एल. ललथनहवला और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जेवी लुना ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुख्य चुनाव अधिकारी को हटाने की मांग की।