नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मतों की गणना करते समय अब हर विधानसभा क्षेत्र के केवल पांच वीवीपैट मशीनों से निकली पर्चियों का मिलान इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के मतों से किया जाएगा।
सुप्रीमकोर्ट के आज के फैसले को देखते हुए चुनाव आयोग को अब यह नई व्यवस्था करनी पड़ेगी। अभी तक चुनाव आयोग की नियमावली 16.6 के तहत हर विधानसभा क्षेत्र की एक ईवीएम के मतों का मिलान उससे जुड़ी वीवी पैट मशीन की पर्चियों से किया जाता था।
नई व्यवस्था से बड़े राज्यों के नतीजे आने मेें अब थोड़ा ज्यादा समय लगेगा क्योंकि मतगणना कर्मियों को पांच मशीनों के मतों का मिलान वीवी पैट पर्चियों से करना होगा।
गाैरतलब है कि विपक्षी दल लंबे समय से ईवीएम को हैक किए जाने और उससे मतदान में धांधली किए जाने की शिकायतें करते रहे थे लेकिन चुनाव आयोग बार-बार यह दावा करता रहा कि ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। अपने दावे के समर्थन में आयोग ने मशीनों को हैक करने की चुनौती भी दी और लोगों को दिखाया कि इन्हें किसी भी तरह से हैक नहीं किया जा सकता।
आयोग के दावे से विपक्षी दल संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने 50 प्रतिशत ईवीएम के मतों का वीवी पैट की पर्चियों से मिलान करने की मांग तेज करते हुए उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने इसके लिए विपक्षी दलों को लामबंद करते हुए 21 दलों को एकजुट किया। नायडू अपने इस अभियान के लिए कई बार राजधानी दिल्ली आये और उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी की।
इन दलों ने मिलकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। उच्चतम न्यायालय ने 8 अप्रेल को अपने फैसले में चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि मतों की गिनती के समय हर विधानसभा क्षेत्र की एक के बजाय पांच ईवीएम मशीनों के मतों का वीवीपैट पर्चियों से मिलान किया जाए।
विपक्षी दल इस फैसले से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने विपक्ष के वकील अभिषेक मनुसिंघवी की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उसे अपने पहले के फैसले की समीक्षा करने का कोई कारण नजर नहीं आता।
सिंधवी ने पीठ से कहा था कि याचिकाकर्ताओं को खुशी होगी यदि 33 प्रतिशत ईवीएम के मतों का मिलान वी वी पैट पर्चियों से किया जाता है। बाद में उन्होंने कहा कि कम से कम 25 प्रतिशत ईवीएम के मतों का ही वीवीपैट पर्चियों से मिलान किया जाए। लेकिन पीठ ने उनके इस अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया।
पीठ का मानना था कि अभी अधिक संख्या में ईवीएम के मतों का मिलान वीवी पैट पर्चियों से किया जाना चुनाव को देखते हुए व्यावहारिक नहीं है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आने हैं और आयोग ने मतगणना की तिथि पहले से निर्धारित कर रखी है। आयोग का कहना है कि यदि अधिक संख्या में ईवीएम का पर्चियों से मिलान किया जाता है तो नतीजे आने में सप्ताह भर का विलंब हो सकता है।