जयपुर। राजस्थान में आगामी सत्रह अप्रैल को राजसमंद, भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा एवं चुरु जिले की सुजानगढ़ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, केन्द्रीय एवं राज्य के कई मंत्री तथा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के हनुमान बेनीवाल सहित कई नेताओं की चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
गहलोत के प्रदेश सरकार के मुखिया होने के नाते तीनों जगहों पर उनकी चुनावी साख दांव पर है और अगर कांग्रेस में तीनों सीटें जीतती है तो मुख्यमंत्री की न केवल चुनाव साख बढ़ेगी बल्कि सरकार को भी मजबूती मिलेगी।
इसी तरह राजे की भी इस उपचुनाव में चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर है, पार्टी ने उन्हें इन चुनावों में स्टार प्रचारक बनाया है। डॉ पूनिया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते इन चुनावों में भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं और उनकी भी चुनावी साख दांव पर लगी है। अगर भाजपा ये तीनों सीटें जीतती है तो पूनिया की चुनाव साख बचेगी वहीं भाजपा राजसमंद में अपना दबदबा बरकरार एवं शेष दो सीटों पर उसकी प्रतिष्ठा कायम होगी।
इसी शिक्षा मंत्री डोटासरा की प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वह तीनों सीटों पर कांग्रेस को जिताने का प्रयास कर रहे हैं और उनकी चुनावी साख दांव पर लगी है।
इसी तरह इन चुनावों में गहलोत सरकार के कई मंत्रियों की भी चुनावी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है उनमें सहाडा में चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा, सुजानगढ़ में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी एवं राजसमंद में सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना तथा खान मंत्री प्रमोद जैन की चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर है। डॉ शर्मा भीलवाड़ा, आंजना राजसमंद एवं भाटी सुजानगढ़ में प्रभारी मंत्री हैं।
इसी प्रकार भाजपा ने राजसमंद में पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, सांसद दीया कुमारी, विधायक मदन दिलावर एवं सुरेंद्र राठौड़ को लगाया है।
भाजपा ने सुजानगढ़ में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन लाल मेघवाल, सांसद राहुल कस्वा सहित अन्य पार्टी नेता भाजपा उम्मीदवार को जीतने का प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा के बागी होकर निर्दलीय पर्चा भरने वाले लादू लाल पितलिया के नाम वापस ले लेने से भाजपा को बड़ी राहत मिली है लेकिन कांग्रेस के इसे मुद्दा बना लेने एवं भाजपा पर पितलिया पर दबाव बनाने का आरोप लगाने के बाद यह इन चुनावों में सबसे चर्चित सीट बन गई जहां भाजपा ने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के लिए मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, विधायक विट्ठल शंकर को को उतारा है।
इसके अलावा भाजपा ने इन चुनावों में प्रचार के लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को स्टार प्रचारक के रूप में लगाया है। इनके अलावा चुनाव में भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह एवं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर है।
इसी तरह रालोपा के नेता एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी अपने पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं और उनकी चुनावी साख भी दांव पर लगी है। इसके साथ रालोपा के विधायक नारायण बेनीवाल एवं पुखराज गर्ग की भी चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर है।
इन चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही वरिष्ठ नेता अपनी पार्टी की जीत का दावा कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने सहाड़ा में पूर्व विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी, राजसमंद में तनसुख बोहरा एवं सुजानगढ़ में पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने सहाड़ा में पूर्व मंत्री डॉ रतन लाल जाट, राजसमंद में पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी एवं सुजानगढ़ में पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। इन चुनावों में प्रमुख दल कांग्रेस एवं भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। हालांकि रालोपा उम्मीदवारों से दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों का चुनावी गणित प्रभावित होने की संभावना है।