नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए नौ अगस्त को होने वाले चुनाव में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच सहमति के फिलहाल कोई आसार नहीं लग रहे हैं और दोनों पक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम पर वोटों का हिसाब लगाने में मशगूल हैं।
सत्ता पक्ष की ओर से पहले कहा था कि वह सर्वसम्मति से उपसभापति का चुनाव करने के हक में है और चुनाव तभी कराया जायेगा जब आम सहमति कायम हो जायेगी।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सुबह सदन में घोषणा की कि उपसभापति का चुनाव नौ अगस्त को सुबह 11 बजे होगा। इसके लिए नामांकन आठ अगस्त को 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। उन्हाेंने कहा कि तय सीमा के बाद कोई नामांकन स्वीकार नहीं किया जायेगा। जुलाई में पीजे कुरियन का सदन में कार्यकाल खत्म होने के बाद से यह पद रिक्त है।
इस घोषणा से पहले ही सत्ता पक्ष एवं विपक्ष की ओर से इस पद के लिए कई नाम चर्चाओं में आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी नीत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से जनता दल यू की कहकशां परवीन और शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल का नाम चल रहा था। तभी आज सुबह जदयू के ही हरिवंश का नाम भी मीडिया में आया। बिहार एवं झारखंड के प्रमुख समाचार पत्र प्रभात खबर के प्रधान संपादक रहे हरिवंश आज ही लोकलेखा समिति के चुनाव में पराजित हुए हैं।
उधर विपक्ष की ओर से द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुचि शिवा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की श्रीमती वंदना चव्हाण और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) से सी एम रमेश का नाम चल रहा है। बीजू जनता दल (बीजद) के प्रसन्न अाचार्य के नाम की भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है।
भाजपा की संसदीय दल की बैठक के अलावा राजग नेताओं के बीच इस बारे में कल चर्चा हाेने की संभावना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की भी एक बैठक होनी है। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्ष एक दूसरे को तौल रहे हैं और वे अपने पत्ते आखिरी क्षणों में खोलेंगे।
उपसभापति पद के चुनाव में वोटों का गणित उलझा हुआ है। विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पास 99 और राजग के 92 वोट हैं, लेकिन परिणाम बीजद के नौ, अन्नाद्रमुक के 13, तेलंगाना राष्ट्र समिति के छह, द्रमुक और बसपा के चार-चार तथा निर्दलीय एवं अन्य छह सदस्यों के रुख पर निर्भर करेगा।