नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव 12 नवम्बर से सात दिसंबर के बीच होंगे और मतों की गिनती 11 दिसंबर को होगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगना और मिजोरम के चुनाव एक चरण में होंगे। चुनाव आयोग की इस घोषणा के साथ ही इन पांच राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने चुनाव तिथियों की घोषणा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सालियों की समस्या को देखते हुए दो चरणों में चुनाव होंगे क्योंकि कानून एवं व्यस्था बनाये रखने ले लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की जरुरत होगी।
वहां नक्सलियों के बम विस्फोट एवं हिंसा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया क्योंकि आयोग हर नागरिक की सुरक्षा चाहता है। छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 18 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सीटों के लिए मतदान 12 नवम्बर को होगा।
अधिसूचना 16 अक्टूबर को, नामांकन की अंतिम तारीख 23 अक्टूबर, नामांकन पत्रों की अंतिम जांच 24 अक्टूबर और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर होगी, मतदान 12 नवम्बर को होगा।
दूसरे चरण में 72 सीटों के चुनाव होंगे, अधिसूचना 26 अक्टूबर को होगी, नामांकन की अंतिम तारीख दो नवम्बर को, नामांकन पत्रों की जांच तीन नवम्बर तथा नाम वापस लेने की अंतिम तिथि पांच नवम्बर होगी और मतदान 20 नवम्बर को होगा।
मध्य प्रदेश की 230 तथा मिजोरम की 40 सीटों के चुनावी कार्यक्रम एक समान होंगे जबकि राजस्थान की 200 एवं और तेलंगना की 119 सीटों के चुनाव कार्यक्रम एक समान होंगे।
मध्य प्रदेश और मिजोरम के लिए अधिसूचना दो नवम्बर को, नामंकन की अंतिम तिथि 9 नवम्बर, नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम तारीख 12 नवम्बर और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 14 नवम्बर होगी तथा मतदान 28 नवम्बर को होगा।
राजस्थान और तेलंगना के चुनाव के लिए अधिसूचना 12 नवम्बर को, नामांकन वापस लेने की अंतिम तारिख 19 नवम्बर और नामांकन पत्रों की जांच 20 नवम्बर, नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 नवम्बर होगी तथा मतदान सात दिसम्बर को होंगे।
आयोग ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की अवधि 5 नवम्बर 2019, मध्य प्रदेश विधानसभा की अवधि 7 जनवरी 2019, राजस्थान विधानसभा की अवधि 20 जनवरी 2019 तथा मिजोरम की अवधि 15 दिसम्बर 2018 तक है।
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की दस तथा अनुसूचित जनजाति की 29 सीटें आरक्षित हैं जबकि मध्य प्रदेश में क्रमशः 35 तथा 47 सीटें हैं।
मिजोरम में 39 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। राजस्थान में अनुसूचित जाति के लिए 34 तथा जनजाति के लिए 25 सीटें सुरक्षित हैं। तेलांगना के लिए क्रमशः 19 तथा 12 सीटें सुरक्षित हैं।