नयी दिल्ली । सरकार ने आज कहा कि नागर विमानन एवं वैमानिकी के क्षेत्रों में देश में बड़ी संख्या में कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता बढ़ रही है और कौशल विकास कार्यक्रम में इस क्षेत्र की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
नागरिक उड्डयन, वाणिज्य एवं उद्याेग मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में दुनिया में सबसे अधिक प्रगति भारत में हो रही है। भारत में नागर विमानन की वृद्धिदर 20 प्रतिशत से अधिक है। इसमें भी सर्वाधिक वृद्धि निजी क्षेत्र में हो रही है।
उन्होंने कहा कि देश में एक हजार से अधिक विमानों की खरीद की जानी है। सरकार चाहती है कि विमानों का विनिर्माण मेक इन इंडिया के तहत भारत में हो और इस दिशा में काम चल रहा है। सरकार का प्रयास है कि भारत में विमानों एवं ड्रोन का विनिर्माण किया जाए।
उन्होंने कहा कि अभी विमानों को सर्विसिंग या रिपेयरिंग के लिए अभी विदेश ले जाना पड़ता है। सरकार चाहती है कि विमानों की सर्विसिंग एवं रिपेयरिंग भी देश के अंदर ही हो। इसके लिए बड़ी संख्या में कुशल मानवसंसाधन की जरूरत पड़ेगी। इसलिए कौशल विकास कार्यक्रम में इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम की योजना में देश के समक्ष अंतरराष्ट्रीय व्यापार की चुनौतियों का भी ध्यान रखा जा रहा है और समय समय पर इस योजना में रणनीतिक ढंग से बदलाव किया जाता है।