सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा को हटाकर सिरोही नगर परिषद में कांग्रेस को लाकर बैठाने से यहां भ्रष्टाचार में कोई कमी आई है ऐसा मत सोचिएगा। जबकि उससे ज्यादा बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की परिणीति सिरोही शहर की बदहाली में देखने को मिल जाएगी।
नगर परिषद में ताराराम माली अध्यक्ष थे तब कांग्रेस ने नगर परिषद के बाहर धरना दिया था। इसे तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और वर्तमान विधायक संयम लोढ़ा ने सम्बोधित किया था। इसमे उन्होंने आरोप लगाया था कि शहर में बिना सेटबैक और पार्किंग के बन रहे कॉम्प्लेक्स नगर परिषद में पनप रहे भ्रष्टाचार का परिणाम है।
ये वही धरना था जिसमे तत्कालीन आयुक्त प्रह्लाद वर्मा को लकवा का अटैक आ गया था। वो ठीक हो गए थे, लेकिन सिरोही नगर परिषद में संयम लोढ़ा के विधायक बनने के बाद बने कांग्रेस बोर्ड में भी व्यवस्था को आज भी वैसे ही लकवा मारा हुआ है जैसा उस धरने के दौरान लोढ़ा जिक्र कर रहे थे। अगर संयम लोढ़ा के अनुसार उस समय बिना सेटबैक और पार्किंग के कॉम्प्लेक्स के निर्माण भ्रष्टाचार था तो पट्टेशुदा भूमि से बाहर निकलकर सार्वजनिक सड़क पर कब्जा करवाने का वो भ्रष्टाचार आज भी जारी है।
-इस तरह पार्क होंगी गाड़ियां
कांग्रेस बोर्ड और उसमें काबिज हुए कायदा पालन का पाखण्ड पाले आयुक्त ने सिरोही में ऐसा कमाल किया है कि भ्रष्टाचार ही नहीं इंजीनियरिंग के महारथी भी इन्हें सलाम ठोकेंगे। इन्हें सिरोही में ऐसा काम्प्लेक्स बनाने को लेकर इंजीनियरिंग का श्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजे जाने की संस्तुति की जानी चाहिए जिसमें अंडरग्राउंड पार्किंग में स्लोप की जगह सीढ़ियों से गाड़ियों को ले जाने और सीढ़ियों से ही गाड़ियों को चढ़ाने की व्यवस्था की गई है।
इससे सिरोही के लोगो स्टंट और बॉडीबिल्डिंग में एक्सपर्ट हो सकेंगे क्योंकि इन दोनों विधाओं को सीखे बिना दोपहिया या चार पहिया वाहन पर बैठकर या उसे कंधों ओर उठाना असम्भव है। इतनी ही भ्रष्टता नहीं है। अनियमिता ये भी है कि नगर परिषद से सिर्फ 10-12 दुकानों के पहले शाहजी की बाड़ी के मोड़ पर बने इस कॉम्प्लेक्स में पार्किंग में एंट्रेंस के लिए फ़ॉर व्हीलर को तो मशक्कत करनी होगी। इस मार्ग पर पार्किंग में गाड़ी को डालने के लिए उसे मोड़ने के लिए भी पर्याप्त स्थान नहीं है।
-सेटबैक तो दूर सड़क भी कब्जा ली
बिल्डिंग बायलॉज़ के अनुसार व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में सेटबैक छोड़ना जरूरी है। यदि ऐसे व्यावसायिक परिसर सघन आबादी क्षेत्र में पड़ते हैं तो इनको ज़ीरो सेटबैक करने के लिए इसके लिए नगर परिषद में ऐसे ज़ोन का सीमांकन करके बोर्ड का प्रस्ताव लेकर फिर से नोटिफिकेशन निकलवाना होता है। शिवंगज नगर परिषद इसके उदाहरण है, जहाँ पर ऐसा किया गया है।
सिरोही में सघन आबादी क्षेत्र में भवन निर्माण पर जीरो सेटबैक को लेकर भवन निर्माण उपविधि में कोई संशोधन नहीं किया गया है ऐसे में यहाँ पर सेटबैक जारी करना जरूरी है। लेकिन, इस कॉम्प्लेक्स में सेटबैक तो दूर इसकी दुकानों की सीढ़ियां भी सड़क पर बनाकर तीन तीन फीट अतिक्रमण कर लिया है। ये सबकुछ नगर परिषद जाने वाले मार्ग पर हुआ है।
नक्शे से विपरीत निर्माण पर आंख मूंदने की एक ही वजह हो सकती है और वो है इसके निर्माण में और निर्माण के बाद जमकर भ्रष्टाचार। सम्भव है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में बिना सेटबैक के निर्माण की अनुमति दे दी हो। सेटबैक नहीं भी छोड़ा है तो कोई भी निर्माण पट्टे शुदा भूमि के बाहर नहीं होना चाहिए। इस कॉम्प्लेक्स में तो हर तरफ सार्वजनिक सड़कें कब्जा ली हैं। तीन तरफ सड़कों पर करीब 3-4 फुट सीढियां बना दी है।