नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जाहूर अहमद शाह वताली और उसके परिवार की करीब छह करोड़ 19 लाख रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है।
अधिकारियों ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में बताया कि यह कार्रवाई हाफिज मुहम्मद सईद और मोहम्मद यूसुफ शाह (सलाउद्दीन) के खिलाफ आंतकवादियों को धन मुहैया कराने के मामले में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गयी है।
मोम्मद सईद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है जबकि मोहम्मद सलाउद्दीन हिजबुल का मुखिया है।
ईडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पीएमएलए अधिनियम के तहत हाफिज, सलाउद्दीन, आफताब, अलताफ अहमद शाह, नईम अहमद खान, फारुख अहमद डार, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीनकालवल, बशीर अहमद भट्ट, जहूर वताली, कामरान यूसुफ और जावेद अहमद भट्ट पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक आरोपी जहूर वताली पर हुर्रियत नेताओं को आर्थिक मदद पहुंचाने के आरोप सिद्ध हुए हैं। इसके अलावा एनआईए की जांच से यह भी पता चला कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और अन्य अलगाववादी आम जनता को, विशेषकर युवाओं को प्रेस विज्ञप्ति, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से भारत विरोधी प्रदर्शनों और जुलूसों को आयोजित करने और जनता को निर्देश जारी करने के लिए उकसाते हैं।
पीएमएलए की अंतर्गत हुई जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान से फंड जारी किया किया जाता है वो भी सीधे पाकिस्तान दूतावास से जारी होता है। जांच के दौरान ग़ुलाम भट्ट के घर से जब्त किए गए एक गुप्त दस्तावेज़ द्वारा इसकी पुष्टि की गई थी।
भट्ट ज़हूर वताली के साथ खजांची और लेखापाल के रूप में काम करता था। जांच में मिले दस्तावेज से यह साफ जाहिर होता है कि जहूर वताली को हाफिज सईद, आईएसआई, नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास और दुबई में बैठे सूत्रों से पैसे मिलते थे।