मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक की कई संपत्तियों को धनशोधन विरोधी कानून के तहत बुधवार को जब्त कर लिया।
ईडी ने यहां एक बयान में कहा कि मोहम्मद नवाब मोहम्मद इस्लाम मलिक उर्फ नवाब मलिक, उसके परिवार, सोलिडस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्ति को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क करने का अस्थायी आदेश दिया गया है।
कुर्क की गई संपत्ति मेंं मुंबई के अर्ध-नगरीय कुरला (पश्चिम) में स्थित गोवावाला कंपाउंड और एक वाणिज्यिक इकाई, ओस्मानाबाद जिले में स्थित 147.79 एकड़ का खेत और कुरला (पश्चिम) के तीन व बांद्रा (पश्चिम) के दो फ्लैट शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई को सहमत
उच्चतम न्यायालय ने मनीलॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की रिहाई की मांग संबंधी उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार बुधवार को स्वीकार कर ली।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
सिब्बल ने विशेष उल्लेख के दौरान पीठ के समक्ष शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि उन्हें (नवाब मालिक) अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने जिस कानून के तहत गिरफ्तार किया था, वह 2005 में लागू किया गया था लेकिन उन पर लगाए गए आरोप 2000 के पहले के लेन-देन से जुड़े हुए हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने मलिक की शीघ्र सुनवाई की अर्जी स्वीकार करते हुए कहा कि हां हम इसे सूचीबद्ध करेंगे। मलिक के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस आधार पर 23 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वह जेल में बंद हैं।
नवाब मलिक ने बांबे उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत के लिए गुहार लगाई थी लेकिन निराशा हाथ लगी। उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को उनकी याचिका अस्वीकार कर दी। इसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।