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इटावा जेल में कैदियो के दो गुटों के बीच जबरदस्त संघर्ष,डिप्टी जेलर समेत लोग 30 घायल - Sabguru News
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इटावा जेल में कैदियो के दो गुटों के बीच जबरदस्त संघर्ष,डिप्टी जेलर समेत लोग 30 घायल

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इटावा जेल में कैदियो के दो गुटों के बीच जबरदस्त संघर्ष,डिप्टी जेलर समेत लोग 30 घायल
Enormous conflict between two groups of prisoners in Etawah jail
Enormous conflict between two groups of prisoners in Etawah jail
Enormous conflict between two groups of prisoners in Etawah jail

इटावा। उत्तर प्रदेश की इटावा जिला जेल में कैदियों के दो गुटों के बीच बर्चस्व को लेकर के हुए संघर्ष में 14 जेल कर्मियों समेत करीब 30 लोग घायल हुए हैं ,जिसमें डिप्टी जेलर भी शामिल है ।

जेल अधीक्षक राजकिशोर सिंह ने बताया शाम को जेल बंद कराते समय कैदियों ने जेल कर्मियों पर हमला कर दिया है । इस हमले के पीछे कैदियो के बीच वर्चस्य की लडाई मुख्य वजह सामने निकल कर आई है। उन्होंने बताया कि आगरा का मुन्ना खालिक और कानपुर का मोनू पहाड़ी नामक कैदियो के गुटों के बीच बर्चस्व को लेकर संघर्ष हो गया। इस संघर्ष में डिप्टी जेलर जगदीश प्रसाद समेत 14 जेल कर्मी घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि कैदियों के उपद्रव को देखते हुए जेल स्टाफ ने हल्का बल प्रयोग करके स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन कैदियों ने जेल कर्मियों पर न/न केवल पथराव किया बल्कि पेडो की टहनियों को तोड़कर हमला किया। उन्होंने बताया कि इस हमले में प्रमुख रूप से घायल हुए जेल लंबरदार छुन्ना को कभी रूप से चोटे आई है, जिसे जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करा दिया गया है। जेल मे घायल हुए कैदियो और जेल कर्मियो को उपचार जेल अस्पताल मे किया जा रहा है ,जिनकी संख्या करीब 30 है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जेल में कैदियो के दो गुटों के बीच हुए संघर्ष की जांच की जा रही है। मुख्य वजह प्रारंभिक तौर पर कैदियों के दो गुटों के बीच बर्चस्व का विवाद बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस घटना के मजिस्ट्रेट जांच कराई जायेगी उंसके बाद असलियत सामने आयेगी।

उन्होंने बताया कि चूंकि घटना जेल के अंदर हुई है इसलिए जेल मैनुयल के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि असल मे कानपुर ओर आगरा से प्रशासनिक आधार पर भेजे गए कुख्यात अपराधियों के गुटों के बीच संघर्ष की घटना हुई है। संघर्ष की घटना के बाद जहां सिविल लाइन पुलिस को बुलाया गया वही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी को भी जेल परिसर में तैनात की गई है।

तोमर ने बताया कि यह पहला मामला नही है जब इटावा जेल मे किसी भी तरह से संधर्ष की घटना हुई है। इससे पहले भी इटावा जेल मे कई दफा संधर्ष की घटना हो चुकी है। जेल से कैदियो के भागने के अलावा कैदियो की हत्याओ जैसी वारदात भी हो चुकी है।