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प्रभारी मंत्री ने भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को मनाया, जयपुर कूच स्थगित - Sabguru News
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प्रभारी मंत्री ने भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को मनाया, जयपुर कूच स्थगित

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प्रभारी मंत्री ने भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को मनाया, जयपुर कूच स्थगित

जयपुर। भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों का काफिला मंगलवार शाम करीब 4 बजे जयपुर के लिए कूच किया। मीणा का यह आंदोलन पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को लेकर है। पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में चल रहे पानी संकट को खत्म कराने का बीड़ा उठाया है।

उन्होंने ईआरसीपी की डीपीआर संशोधित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग गहलोत सरकार से की है साथ ही दौसा और आसपास के जिलों के बांधों को योजना में जुड़वाने की मांग कर रहे हैं। देर शाम प्रभारी मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद डॉ. मीणा ने जयपुर कूच का प्रोग्राम स्थगित कर दिया है।

दौसा शहर से लालसोट रोड पर 15 किलोमीटर दूर नांगल प्यारीवास मीणा हाईकोर्ट पर सुबह 9 बजे से ही लोग जुटने लगे थे। दोपहर करीब 12 बजे डॉ. मीणा, भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी व गोलमा देवी भी पहुंच गए। इसके बाद यहां हुई जनसभा में ईआरसीपी योजना को लेकर राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।

दोपहर करीब 3 बजे राज्यसभा सांसद मीणा ने मंच संभाला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार योजना की तकनीकी खामियां दूर नहीं कर रही है। ईआरसीपी को लेकर जो डीपीआर केंद्र को भेजी गई थी, उसमें उसमें 50% जल निर्भरता का प्रोजेक्ट बनाया था। राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए 75 प्रतिशत जल निर्भरता करना आवश्यक है। साथ ही, चंबल का पानी मध्य प्रदेश से आता है। ऐसे में मध्य प्रदेश की सहमति भी आवश्यक है।

दौसा सहित करौली, सवाई माधोपुर, अलवर और जयपुर के सभी बड़े बांधों को इस परियोजना में शामिल किया जाए। डॉ. मीणा ने कहा कि राज्य सरकार यदि यह तकनीकी खामी दूर करके दोबारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दे तो इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाना उनकी गारंटी है। राज्य सरकार को संशोधित डीपीआर केंद्र को भेजनी चाहिए।

डॉ. किरोड़ी मीणा ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि ईआरसीपी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति कर रहे हैं। ईआरसीपी कुल 37 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है। गहलोत 10 हजार करोड़ देकर कह रहे हैं कि राज्य सरकार परियोजना पूरी करेगी। मैं सीएम गहलोत से कहना चाहता हूं कि हजार गहलोत भी ईआरसीपी की परियोजना को इस तरह पूरा नहीं कर सकते। गहलोत का खजाना खाली हो चुका है। राज्य सरकार ने अगर ईआरसीपी प्रोजेक्ट बनाया तो किसानों को पूरा पानी नहीं मिलेगा।

शाम करीब 4 बजे डॉ. मीणा ने जयपुर कूच का ऐलान किया। राठौड़, चतुर्वेदी, गोलमा व डॉ. किरोड़ी लाल अपनी-अपनी गाड़ियों से निकले। उनके साथ ट्रैक्टरों, बाइकों वे निजी वाहनों में लोगों का समूह हाथों में तिरंगे लेकर चला। करीब 1 घंटे बाद दौसा बाईपास होते हुए कारवां शाम 5 बजे जयपुर-आगरा हाईवे पर आ गया। जटवाड़ा (जयपुर से 40 किमी दूर) में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर काफिले को रोक दिया। शाम 5 बजे से 6 बजे तक यहां काफी संख्या में आंदोलनकारी रुके रहे। लोग नारेबाजी करते रहे। डॉ. मीणा सहित अन्य नेता वहीं धरने पर बैठ गए।

जटवाड़ा में करीब एक हजार पुलिसकर्मी, वज्र वाहन, आरएसी, रैपिड एक्शन फोर्स, स्पेशल टास्क फोर्स तैनात की गई है। यहां आईजी उमेश दत्ता, एडीजी विजिलेंस बीजू जॉर्ज जोसेफ पहले से मौजूद थे। संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले, एसपी दौसा संजीव नयन व दौसा कलेक्टर चौधरी भी मोर्चा संभाले रहे।

प्रभारी मंत्री विश्वेंद्र सिंह शाम 6 बजे सांसद किरोड़ीलाल मीणा, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी के साथ वार्ता के लिए जटवाड़ा स्थित लक्ष्मी निवास होटल पहुंचे। इस बीच जटवाड़ा में पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच गहमागहमी भी हुई।

प्रभारी मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ डॉ. मीणा व भाजपा नेताओं की वार्ता हुई। तय हुआ कि 48 घंटे में राज्य सरकार एक सर्वदलीय कमेटी गठित करेगी। यह कमेटी वार्ता के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय व जल आयोग जाकर परियोजना की कमियों के बारे में जानकारी लेगी और राज्य सरकार को अवगत कराएगी।