मुंबई। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने रविवार को यस बैंक के घोटाले के आरोपी वधावन बंधुओं को महाबलेश्वर से हिरासत में लिया जहां से उन्हेंं मुंबई लाया जाएगा।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आज यहां बताया कि सतारा पुलिस ने सीबीआई को सभी तरह की सहायता प्रदान की और आरोपियों को ले जाने के लिए एक लिखित अनुरोध पर मुंबई तक चार गार्डों के साथ एक एस्कॉर्ट वाहन उपलब्ध कराया। वधावन बंधुओं की गिरफ़्तारी की प्रक्रिया चल रही है।
देशमुख ने यह भी घोषणा की कि पूर्णबंदी के दौरान पुणे से सतारा जाने के लिए वधावन (डीएचएफएल के प्रमोटरों) और अन्य को दी गई अनुमति की जांच पूरी हो गई।
प्रदेश के गृह मंत्री ने ट्वीट किया कि प्रधान सचिव गृह (विशेष) अमिताभ गुप्ता के खिलाफ जांच संबंधी अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक की रिपोर्ट आज या कल सौंपे जाने की संभावना है।
गत नौ अप्रैल को पूर्णबंदी केे दौरान आरोपी कपिल वधावन और धीरज वधावन दोनों भाई परिवार के अन्य 21 सदस्यों के साथ पुणे में खंडाला हिलस्टेशन से सतारा के महाबलेश्वर गए थे।
इससे एक दिन पहले आठ अप्रैल को गुप्ता ने पांच वाहनों में महाबलेश्वर की यात्रा करने के लिए लिखित में अनुमति दी थी लेकिन जब वे नौ अप्रैल को महाबलेश्वर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया और इसके बाद इन सभी को पंचगनी हिल-स्टेशन पर क्वारंटीन में भेज दिया गया था।
इस घटना के दौरान स्थिति विस्फोटक हो गई और एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप की झड़ी लग गई। देशमुख ने गुप्ता को 10 अप्रैल से ‘अनिवार्य छुट्टी’ पर भेज दिया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को घटना की जांच का आदेश दिया।
इस बीच 22 अप्रैल को वधावन बंधुओं की क्वारंटीन अवधि समाप्त हो गई और राज्य सरकार ने सीबीआई को उन्हें हिरासत में लेने को कहा जिसे जांच एजेंसी ने आज पूरा किया।
क्वारंटीन के दौरान हालांकि दोनों भाइयों ने अपने वकीलों के जरिये यह दावा किया कि वे वास्तव में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से बचने के लिए महाबलेश्वर आए थे और उन्होंने खंडाला के किराए के आवास से महाबलेश्वर में अपने पैतृक घर आने का फैसला किया था।
इस विवाद के बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सतारा पुलिस को वधावन को पकड़ने के लिए पत्र लिखा था। बाद में उन पांच वाहनों को जब्त कर लिया जिनमें वधावन परिवारों ने यात्रा की थी।