बीपीपीआई समिति ने औषधि विभाग को जरुरत के हिसाब से क्षेत्रीय स्तर पर वेयर हाउसों तथा वितरकों की नियुक्ति की संभावनाओं को तलाशने की सिफारिश की है। समिति ने तकनीक आधारित रीयल आईएम ट्रैकिंग सिस्टम बनाने की भी सिफारिश की है ताकि गड़बड़ियों को संभावना नहीं रहे।
बीपीपीआई ने जन औषधि केन्द्रों को दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति के लिए गुरुग्राम में सेंट्रल वेयर हाउस की स्थापना की है। इसके साथ ही आठ कैरेयिंग एंड फारवार्डिंग एजेंट (एफ एंड सी) और आठ वितरकों की नियुक्ति की है। समिति ने कहा है कि आम लोगों तक दवाओं एवं उपकरणों की समय पर पहुंच के लिए वर्तमान वितरण प्रणाली पर्याप्त नहीं है।
बीपीपीआई को वर्ष 2017-18 के दौरान पुनरीक्षित बजट 74.62 करोड़ रुपये का था जिसमें से उसे 47.64 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे लेकिन इस योजना के तहत 29.63 करोड़ रुपये का ही उपयोग किया गया। इस योजना के शुरु होने के बाद से अब तक बीपीपीआई को कुल 137.88 करोड़ रुपये जारी किये गये है जिनमें से वह 119.88 करोड़ रुपये का वास्तव में उपयोग कर पाया है।