इटावा। यूपी में इटावा के जसवंतनगर क्षेत्र में नियमों को ताक में रखकर रासलीला के आयोजन के दौरान वर्चस्व को लेकर दो पक्षों के बीच हुई गोलीबारी में एक बुजुर्ग महिला की मृत्यु हो गई जबकि नौ अन्य घायल हो गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया कि परसौआ गांव मे ग्रामीणों ने चंदा कर बीती रात रासलीला का आयोजन किया था जिसके लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। इस बीच दबंग नीलेश यादव के नाम से पुरस्कार बोला गया जिसमे नाम के बाद बांस लगाने को लेकर नीलेश के पक्ष के लोग तथा लऊआ उर्फ उपदेश के बीच कहासुनी हो गई जो कुछ ही देर में हिंसा में तब्दील हो गई।
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। फायरिंग में दर्शक सुशीला देवी (60) की गोली लगने से मृत्यु हो गई जबकि रासलीला वाचक पुरोहित रास विहारी निवासी गोवर्धन के पीठ में गोली लगी जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गए।
फायरिंग की चपेट मे आने से रमाकांती (26), अखिलेश देवी (40), सपना (16), रेखा देवी (24), चरणा देवी (42), अनिल कुमार (33), सुखवीर सिंह (30) और लऊआ उर्फ उपदेश घायल हो गए। रासलीला सुनने के लिए भैसान, नगला झडू, खुशालपुरा, ललखौर, निलोई, शाहजापुर, पडरपुरा, उतरई, नगला निहाल आदि गांवों से सैकडो की संख्या में महिलाएं तथा पुरूष पहुंचे थे।
फायरिंग होने पर दर्शक अपने जूते चप्पल आदि सामान छोडकर जान बचाकर भागे। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी मे भर्ती कराया जहां कुछ घायलों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही अमल मे लाई जा रही है। सभी आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त भी किए जाएंगे क्योंकि ज्यादातर फायरिंग लाइसेंसी शस्त्रों से ही की गई है। मृतक महिला सीतापुर में तैनात पुलिस कर्मी की मां है। जसवंतनगर समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का निर्वाचन क्षेत्र है।
गौरतलब है कि क्षेत्र में इससे पहले भी वर्चस्व को लेकर कई बार सार्वजनिक स्थलो पर फायरिंग हो चुकी है लेकिन पुलिस ने कभी दबंगों पर शिकंजा नहीं कसा जिसके चलते आए दिन वर्चस्व को लेकर कई घटनाएं घटित हो चुकी है। नगर के छिमारा रोड तथा परसौआ गांव में वर्चस्व को लेकर कई बार फायरिंग हो चुकी है।
परसौआ गांव में प्रधानी को लेकर दो पक्षों में गहरा तनाव है। यही नहीं कुख्यात नीलेश यादव का समर्थित ग्राम प्रधान वर्तमान में है वहीं दूसरा पक्ष लऊआ उर्फ उपदेश के परिजन भी ग्राम प्रधान रह चुके हैं।
उच्च न्यायालय के हाल ही में दिए गए निर्देश के अनुसार रात्रि 10 बजे के बाद साउंन्ड पूर्णत: प्रतिबन्धित है। रासलीला जैसे कार्यक्रम के लिए आयोजक द्वारा अनुमति नही ली गई थी। यदि अनुमति ली गई होती तो हजारों दर्शकों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी मुहैया कराया जाता।
अनुमति के संम्बन्ध में एसडीएम सत्यप्रकाश मिश्र से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि परसौआ गांव मे रासलीला आयोजन के लिए उनके कार्यालय में किसी ने अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया था। रासलीला के दौरान परसौआ गांव मे 83 राउंन्ड गोलियां चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने 83 खोखे बरामद किए हैं जिसमे 315 बोर, 12 बोर, 32 बोर के खोखे शामिल हैं।