हिसार। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के 26 नवम्बर के राष्ट्रव्यापी दिल्ली कूच से पहले ही हरियाणा में किसान नेताओं की धरपकड़ शुरू हो गई है।
हिसार, फतेहाबाद, झज्जर, यमुनानगर, भिवानी, करनाल, सिरसा और रोहतक जिलों में सोमवार देर रात दो बजे से मंगलवार सुबह चार बजे के बीच पुलिस ने दो दर्जन से अधिक किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अलग-अलग जगहों से अखिल भारतीय किसान सभा के नेता सुरेन्द्र काला को अग्रोहा, अमित ढाका को श्यामसुख, मियां सिंह को बिठमड़ा, रमेश कुमार को उकलाना, सूबे सिंह बूरा को कैमरी रोड़ हिसार, सुखबीर को बिचपड़ी, विकास सीसर और सोमबीर को भगाना गांव से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर किसान नेता डॉ. भूप सिंह को नया गांव, सुरेश कोथ को फतेहाबाद जिले के रतिया, कामरेड रामचंद्र झज्जर, कामरेड रामचंद्र यादव, सूबेदार सत्यनारायण झज्जर, एसपी सिंह खुईया, गुरभजन सिंह, प्रदीप धनखड़ बहादुरगढ़, सुभाष गुर्जर यमुनानगर, रमेश तोशाम, बलबीर ठाकन भिवानी, सत्यवान नरवान, रतन मान करनाल, प्रहलाद भैरू खेड़ा सिरसा, अनिल नांदल रोहतक को गिरफ्तार किया गया है।
सेंट्रल ट्रेड यूनियन (सीटू) और किसान सभा के नेताओं कामरेड सुरेश कुमार, मनोज सोनी और मोहनलाल राजली ने किसान नेताओं की इन गिरफ्तारियों पर कड़ा रोष जताया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को बिना शर्त तुरंत रिहा किया जाए। जिला किसान सभा ने अपने नेताओं को गिरफ्तार किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उन्हें अविलम्ब रिहा करने की मांग की है। किसान नेता रमेश मिरकां ने सरकार से मांग की है कि सरकार तीनों कृषि कानून वापिस ले, किसानों को कर्जमुक्त करे और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे।