बेंगलूरु। हिंदू महासभा ने शनिवार को विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि संगठन ने हिंदुओं की इच्छा के खिलाफ जाने पर महात्मा गांधी तक को नहीं बख्शा और अगर भारतीय जनता पार्टी के नेता मंदिरों को तोड़ना जारी रखते हैं तो वह उन्हें भी नहीं बख्शेंगे।
संगठन की कर्नाटक इकाई के सचिव धर्मेंद्र सूरतकल ने कहा कि अगर भाजपा नेता मंदिरों को तोड़ना जारी रखते हैं तो उनके कार्यकर्ता लोगों से भविष्य के चुनावों में उन्हें वोट नहीं देने की अपील करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने महात्मा गांधी को नहीं बख्शा और आप लोग बसवराज बोम्मई, बी एस येदियुरप्पा और शशिकला जोले – किसी भी उल्लेख के योग्य नहीं हैं। यदि आप हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने की कोशिश करते हैं, तो आपको बख्शा नहीं जाएगा। हम लोगों के समक्ष जाएंगे और उनसे अगले चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करेंगे।
सूरतकल ने पिछले हफ्ते मैसुरु जिले में महादेवम्मा मंदिर के विध्वंस पर मीडिया को संबोधित करते हुए मंगलुरु में यह बात कही। उन्होंने सरकार को उच्चतम न्यायालय को सौंपी गई सूची में शामिल किसी एक चर्च या मस्जिद को गिराने की चुनौती भी दी।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक की राजनीति के पूरे इतिहास में, किसी भी सरकार ने एक भी चर्च या मस्जिद नहीं गिराई है, लेकिन उन्होंने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया है। सत्ता में आने के बाद राजनेता केवल हिंदू मंदिरों पर हमला क्यों करते हैं, अन्य धार्मिक संरचनाओं पर क्यों नहीं? भाजपा ईसाइयों और मुस्लिम वोटराें को लुभाने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है।
उच्चतम न्यायालय ने 29 सितंबर 2009 के बाद बने सार्वजनिक स्थलों पर अवैध रूप से बने अवैध धार्मिक ढांचों को गिराने का आदेश दिया था। दिसंबर 2020 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भी सार्वजनिक स्थानों से अतिक्रमण नहीं हटाने के लिए राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया।
सूरतकल ने कहा कि मंदिर को उन अधिकारियों के पैसे से फिर से बनाया जाना चाहिए जिन्होंने इसे तोड़ा। उन्होंने कहा कि मंदिरों का पुनर्निर्माण मंदिर या सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि उन अधिकारियों की संपत्तियों की बिक्री से किया जाना चाहिए जिन्होंने इसे तोड़ा।
उन्होंने सरकार के बजाय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर संघ परिवार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं संघ परिवार से पूछना चाहता हूं कि आखिर किसकी सरकार है? यह भाजपा की है। मंदिर के विध्वंस के लिए कौन जिम्मेदार है? अधिकारी? नहीं। यह सरकार है। यह सरकार अस्तित्व में क्यों है? क्या यह मंदिरों को गिराने की खुली छूट देने के लिए है?
इस बीच, मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने सूरतकल के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र सूरतकल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को चेतावनी दी है कि उन्होंने गांधी को नहीं बख्शा तथा बोम्मई, येदियुरप्पा और जोले उल्लेख के योग्य नहीं हैं। मुझे पता चला है कि धर्मेंद्र हिंदू महासभा के नेता थे, लेकिन उन्हें आपत्तिजनक व्यवहार के कारण दाे वर्ष पहले संगठन से निष्कासित कर दिया गया था।
हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष एलके सुवर्णा ने सूरतकल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। धर्मेंद्र के खिलाफ आपराधिक साजिश, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।