बेगूसराय। केंद्रीय जांच ब्यूरो की छापेमारी में निजी मकान से कारतूस बरामद होने के मामले में फरार चल रहीं बिहार की पूर्व मंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड की निलंबित विधायक मंजू वर्मा ने कुर्की-जब्ती के बाद आज बेगूसराय जिले की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने यहां मंझौल अनुमंडल न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। पहचान छुपाने के लिए वह बुर्का पहनकर न्यायालय में उपस्थित हुईं। इससे पूर्व आर्म्स ऐक्ट मामले में ही उनके पति चंद्रशेखर वर्मा ने भी आत्मसमर्पण किया था।
इस मामले में मंजू वर्मा लंबे समय से फरार चल रही थी। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी भी कर रही थी। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर उनके बेगूसराय जिले में चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के अर्जुन टोला स्थित निजी मकान की कुर्की-जब्ती की गई। अंतत: उन्हाेंने आज आत्मसमर्पण कर दिया।
मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले में चंद्रशेखर वर्मा का नाम आने बाद सीबीआई ने इस वर्ष 17 अगस्त को वर्मा दंपती के अर्जुन टोला स्थित आवास समेत 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान उनके अर्जुन टोला मकान से 50 कारतूस बरामद किये गये थे। इस मामले में सीबीआई ने 19 अगस्त को आर्म्स ऐक्ट के तहत चेरियाबरियारपुर थाने में मंजू वर्मा एवं उनके पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस मामले में वर्मा दंपती ने न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। बेगूसराय जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीवान अब्दुल अजीज खान ने 25 अगस्त 2018 को सुनवाई के दौरान वर्मा दंपती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही उनके वकील द्वारा पति-पत्नी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी।
इसके बाद 09 अक्टूबर को पटना उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वहीं, इस मामले में आत्मसमर्पण नहीं करने के कारण बेगूसराय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 11 अक्टूबर को वर्मा के खिलाफ इश्तेहार जारी करने का आदेश दिया था। इसके मद्देनजर पुलिस ने 12 अक्टूबर को उनके अर्जुन टोला स्थित मकान पर इश्तेहार चस्पा किया था।
इस मामले में लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए वर्मा ने 29 अक्टूबर को मंझौल अनुमंडल न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। फिलहाल वह जेल में हैं। आत्मसमर्पण करने के बाद उन्होंने पत्नी मंजू वर्मा को निर्दोष बताया और कहा था कि यदि मेरे घर से कारतूस मिले हैं तो इसमें मेरी पत्नी का कोई दोष नहीं है।
उन्होंने बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का उदाहरण देते हुए कहा था कि जब उनके घर से हथियार मिले तो उनकी पत्नी हीना शहाब दोषी नहीं हुई तो फिर मंजू वर्मा दोषी हो कैसे हो सकती हैं।
मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर उच्चतम न्यायालय ने 30 अक्टूबर को बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा था कि अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी मंजू वर्मा को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय की सख्त हिदायत के बाद आर्म्स एक्ट के आरोप में लम्बे समय से फरार चल रही चेरिया बरियारपुर से सत्तारूढ जदयू की विधायक मंजू वर्मा के खिलाफ 31 अक्टूबर को बेगूसराय की एक अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। वहीं, वारंट मिलने के साथ ही मंजू वर्मा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम का गठन किया गया।
इस बीच बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने विधायक मंजू वर्मा को 10 नवंबर को पार्टी से निलंबित कर दिया। इसकी पुष्टि करते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने 15 नवंबर को बताया कि मंजू वर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। वर्मा को निलंबित किए जाने की कार्रवाई दस नवम्बर को ही कर दी गई थी।
आर्म्स एक्ट मामले में लगातार फरार रहने के कारण पुलिस ने बेगूसराय जिले के मंझौल स्थित मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आवेदन देकर भारतीय दंड विधान की धारा 82 एवं 83 के तहत इश्तेहार एवं कुर्की जब्ती का आदेश दिए जाने का आग्रह किया था। अदालत ने पुलिस के अनुरोध पर 16 नवंबर को यह आदेश जारी कर दिया।
न्यायालय के आदेश के मद्देनजर पुलिस ने 17 नवंबर को मंजू वर्मा के अर्जुन टोला स्थित मकान पर इश्तेहार चस्पा किया। इसके बाद घर के मुख्य प्रवेश द्वार को तोड़कर एक-एक सामान निकालकर कुर्की जब्ती की कारवाई की गई। कुर्की-जब्ती की यह कार्रवाई इसके अगले दिन 18 नवंबर को भी चली। इसके बाद आज मंजू वर्मा ने आत्मसमर्पण कर दिया।
उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर वर्मा की मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से फोन पर हुई बातचीत के खुलासे के बाद 08 अगस्त को मंजू वर्मा ने राज्य की समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।