रत्नागिरी। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को बड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद, शिव सेना के कई नेता विद्रोही नेता शिंदे का समर्थन कर रहे हैं और अब रत्नागिरी के वरिष्ठ नेता कदम शिव सेना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। दिलचस्प बात यह है कि कदम के पुत्र एवं गिहागर-दापोली के विधायक योगेश कदम, पहले से ही शिंदे के शिविर में हैं।
पिछले कई दिनों से कदम, ठाकरे की कार्यशैली से नाखुश थे, लेकिन उनके पुत्र ने भी विद्रोही समूह का समर्थन किया लेकिन कदम, ठाकरे का समर्थन कर रहे थे। कदम को विधान परिषद का टिकट नहीं मिला। वह दिवंगत शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे के सक्रिय शिवसैनिक थे और 2005 से 2009 के दौरान विपक्ष के नेता थे, जबकि देवेंद्र फडनवीस सरकार में पर्यावरण मंत्री थे।
ठाकरे को लिखे अपने त्याग पत्र में कदम ने दावा किया कि दिवंगत बाल ठाकरे ने उन्हें शिव सेना नेता के रूप में चुना था, लेकिन उनके (बाला साहब ठाकरे) के निधन के बाद किसी भी पद का कोई मूल्य नहीं था, जबकि मुख्यमंत्री बनने के बाद ठाकरे उनके (कदम) और अन्य वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए था।
कदम ने अपने पत्र में यह भी कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उन्होंने (उद्धव ठाकरे) संवाददाताओं के सामने बात नहीं करने का आदेश क्यों दिया।