चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब की पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ अकाली नेता बीबी जागीर कौर को बेटी की हत्या के मामले बरी कर दिया।
न्यायालय ने सीबीआई अदालत की सजा को दरकिनार करते हुए हत्या के मामले में सभी छह आरोपियों को भी बरी कर दिया। इसी के साथ सीबीआई अदालत की पांच साल की कैद की सजा भी खारिज कर दी।
ज्ञातव्य है कि एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर की बेटी हरप्रीत कौर की 20 जून 2000 को संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई थी। उनके दामाद ने बीबी तथा पांच अन्य के खिलाफ हरप्रीत का जबरन गर्भपात कराने तथा हत्या का अारोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।
पटियाला की सीबीआई की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान बीबी को हत्या के आरोप से तो मुक्त कर दिया लेकिन बेटी का अपहरण तथा जबरन गर्भपात कराने का दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी। बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की थी।
न्यायालय ने शिराेमणि गुरूद्धारा प्रबंधक कमेटी(एसजीपीसी) सदस्य परमजीत सिंह रायपुर, दलविंदर कौर ढेसी और बीबी के निजी सुरक्षा अधिकारी निशान सिंह को भी बरी कर दिया है।
हत्या के मामले में सीबीआई ने बीबी तथा छह अन्य के खिलाफ जांच शुरू की थी। इस केस में बीबी काे मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। सीबीआई अदालत की सजा को चुनौती देते हुए बीबी ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपील की थी।
न्यायालय की खंडपीड ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी आरोपियों को आरोपों से बरी किया जाता है। सीबीआई अदालत के फैसले को दरकिनार करते हुए सीबीआई तथा शिकायतकर्ता की ओर से दायर सभी अपीलें खारिज की जाती हैं।