अजमेर। केंद्रीय कारागृह अजमेर की ओर से बुधवार को जिला एंव सेशन न्यायालय बार के हॉल में बंदी उत्पाद प्रदर्शनी व बिक्री का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में जिला एवं सैशन न्यायाधीश संगीता शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीमा ढाका एवं जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने किया। इस दौरान अन्य न्यायाधिकारी तथा बार पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
इन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए जेल प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि बंदियों को सदमार्ग पर लाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। जेल विभाग की ओर से विभिन्न हुनर जेल में ही सिखाए जा रहे हैं ताकि बंदी अपने आप को आत्मनिर्भर बनाते हुए समाज के योग्य नागरिक बन सके।
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि प्रदर्शनी में महिला व पुरुष बंदियों की ओर से हस्त निर्मित सामग्री, कपड़े धोने का साबुन, दरी-पट्टी, बॉर्डर फर्श, सूती कपड़ा, वस्त्र, फिनायल, रजाई, शुद्ध मसाला, साथ ही महिला बंदी सुधार ग्रह की महिला बंदियों के द्वारा अपने कौशल से निर्मित हस्तशिल्प पेंटिंग व रजाई की प्रदर्शनी लगाई गई है।
जेल में बनने वाले प्रोडक्ट पूरी तरह से सुरक्षित और गुणवत्ता के साथ तैयार किए गए हैं। नो प्रोफिट नो लॉस आधार पर तैयार होने के कारण इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं है। ऎसे में आम जनता इनका उपयोग करके देखे। इससे उन्हें इन प्रोडक्ट की जानकारी मिल सके। सार्वजनिक जगह पर इस तरह के नवाचार करने का उद्देश्य है कि आम जनता बंदियों से जुड़ सकें।
उन्होंने बताया कि बंदियों में स्वाभिमान की भावना विकसित हो और वह आत्मनिर्भर व रोजगारोन्मुख बन सकें। उनके सामाजिक पुनस्र्थापन में मील का पत्थर साबित होगा। बंदियों को कारागृह में स्किल डवलपमेन्ट की जानकरी दी जा रही है। जेल प्रशासन का मानना है कि बेरोजगारी में आर्थिक तंगी के कारण भी युवा वर्ग अपराध की ओर उन्मुख होता है।
ऎसे में इन सभी कैदियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए स्किल की जानकारी देने के साथ ही हुनरमंद बनाया जा रहा है। इससे कि वे अपराध को छोड़कर अच्छे रास्ते पर अग्रसर हो सके। प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर बंदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की खरीदारी की और जेल प्रशासन के इस कदम को बेहतरीन बताया।
उन्होंने बताया कि अजमेर रेंज आईजी लता मनोज ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर खरीददारी की। जेल में निर्मित मसालों की बिक्री हुई। जिला एवं सैशन न्यायाधीश संगीता शर्मा ने भी बंदी उत्पादों को जमकर खरीदारी कर सराहना की। जेल में तैयार पौध में से दो पौधे सैशन न्यायाधीश व अध्यक्ष बार एसोशिएशन तथा सीजेएम द्वारा कोर्ट परिसर में पौधारोपण किया गया।
उन्होंने बताया कि एक सकारात्मक संदेश के साथ समाज की मुख्य धारा में जेल के कैदी को जोड़न के उद्देश्य से लगाई गई। इस प्रदर्शनी में एक लाख 65 हजार की बिक्री हुई। खुले बंदी शिविर किशनगढ़ तथा अजमेर के कैदियों द्वारा प्रदर्शनी में बिक्री की गई। उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। इसमें महिला कैदी भी सम्मिलित रही। बिक्री व प्रदर्शनी में कार्यरत कैदियों को जेल अधीक्षक द्वारा उनके विशिष्ट कार्य के लिए 7 दिवस की सजा में छूट देने की घोषणा की गई।