बेंगलूरु। कर्नाटक विधान सभा में आज शाम होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले भोजनावकाश तक 195 नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली, अस्थायी अध्यक्ष के जी बोपैया ने सदन की कार्यवाही शुरु करते हुए नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा ने सबसे पहले शपथ लेकर प्रक्रिया की शुरुआत की। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारामैया ने तथा बाद में अन्य विधायकों ने पांच-पांच के समूह में शपथ ग्रहण किया।
विधान सभा की कार्यवाही भोजनावकाश से पूर्व स्थगित होने तक कांग्रेस खेमे में चिंता की लहर फैली हुयी थी क्योंकि इसके दो नवनिर्वाचित विधायक आनंद सिंह (विजयनगर) और प्रताप गौडा (मसकी) तबतक सदन में नहीं पहुंचे थे।
शपथ ग्रहण लेने की प्रक्रिया 3.45 बजे तक चली, जबकि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप चार बजे शक्ति परीक्षण होना था।
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर विधान सौध के इर्द-गिर्द सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। विधान साैध की चाराें अाेर अभूतपूर्व सुरक्षा बंदाेबंस्त रहा, क्याेंकि यहीं विधानसभा है। विधायकाें के शपथ ग्रहण समाराेह के दाैरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए यहांं क्षमता से तीन गुना अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहे।
मैसुरु और चमराजनगर जिलों के नवनिर्वाचित विधायकों ने अभी शपथ नहीं ली है। जब शपथ ग्रहण करने के लिए विधान सभा सचिव एस मूर्ति ने इनके नाम पुकारे तो वे वहां मौजूद नहीं थे।
दो सौ चौबीस (224) सदस्यीय विधान सभा में दो सीटों के चुनाव स्थगित होने के बाद हुए 222 सीटों के चुनाव के बाद बहुमत सिद्ध करने के लिए जादुई आंकड़ा 111 का है। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के पास 104 विधायक हैं।
जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने दो सीटों चन्नापटना और रामनगरा से चुनाव जीता था लेकिन उन्होंने चन्नापटना विधायक के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि वह रामनगरा सीट से इस्तीफा देंगे।
इससे पूर्व राज्यपाल वजूभाई वाला ने सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया तथा विधान सभा में इसे बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया।
बाद में जब कांग्रेस और जद (एस) दोेनों ने राज्यपाल की कार्रवाई के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गुहार लगायी तो शीर्ष अदालत ने भाजपा को आज शाम चार बजे तक बहुमत साबित करने का आदेश जारी कर दिया।