नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने ‘गैर-कानूनी’ टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करने के मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को मुकदमे का सामना करने का सोमवार को आदेश दिया।
मारन के खिलाफ अपने भाई कलानिधि मारन के सन टीवी नेटवर्क को लाभ पहुंचाने के लिए गैर-कानूनी तरीके से टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करने का आरोप है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का आरोप है कि मारन बंधुओं के आवास पर 700 टेलीफोन लाइनें बिछाई गई थीं, जिसके कारण सरकारी राजस्व को एक करोड 78 लाख रुपए का नुकसान हुआ था।
न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश आर भानुमति और न्यायाधीश आर भानुमति की पीठ ने कहा कि वह मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं है। न्यायालय ने कहा कि अपीलकर्ता मुकदमा का सामना करें और उन्हें जो कुछ भी कहना है मुकदमे के दौरान अपना पक्ष रखें।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मद्रास उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसने सीबीआई के फैसले को निरस्त कर दिया था। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में मारन को आरोप मुक्त कर दिया था1
सीबीआई का आरोप है कि मारन ने अपने पद का दुरुपयोग किया था और चेन्नई स्थित अपने आवास पर सन टीवी नेटवर्क के व्यावसायिक हितों के लिए निजी टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया था।