वाशिंगटन। अमरीका ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर मामले में चीन पर दबाव बढ़ाते हुए कहा है कि मसूद संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए फिट केस हैं तथा ऐसा नहीं किए जाने क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने यहां कहा कि अमरीका और चीन क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को प्राप्त करने के लिए आपसी हित साझा करते हैं लेकिन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में विफल रहने पर इस लक्ष्य को पूरा करना असंभव होगा।
इस बीच, अमरीका ने मसूद मामले में चीन पर दबाव बढ़ाते हुए कहा है कि मसूद संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए ‘फिट केस’ हैं तथा ऐसा नहीं किये जाने से क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने यहां कहा कि अमरीका और चीन क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को प्राप्त करने के लिए आपसी हित साझा करते हैं लेकिन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में विफल रहने पर इस लक्ष्य को पूरा करना असंभव होगा।
मीडिया रिपोर्टाें के अनुसार कि जैश-ए-मोहम्मद संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। आतंकवादी जैश का संस्थापक और नेता है और वह संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किये जाने के लिए फिट केस है। जैश कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए खतरा है।
चीन इससे पहले तीन बार मसूद पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों को अवरुद्ध कर चुका है और अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव बुधवार को 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष लाया जाएगा।
पुलवामा आतंकवादी हमले और बाद में अंतरराष्ट्रीय अभियान तथा भारत की ओर से शुरू किए गए राजनयिक प्रयासों के बाद फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन इसके लिए (मसूद को अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने को लेकर) परिषद के समक्ष नया प्रस्ताव पेश करेंगे।
अमरीका और कई अन्य देश यह नहीं चाहते कि चीन इस बार भी सुरक्षा परिरषद की बैठक में वीटो करे। भारत ने पुलवामा हमले जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 44 जवान शहीद हो गये थे, के लिए पूरी तरह मसूद को जिम्मेदार ठहराया है तथा पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
इस बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अमरीकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो ने भारत के विदेश सचिव विजय गोखले के साथ बैठक के दौरान सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
विदेश मंत्रालय के वक्तव्य के मुताबिक कि बैठक में दोनों ने आतंकवादियों के आधारभूत संरचनाओं को ध्वस्त करने तथा अपनी जमीन पर किसी भी आतंकवादी संगठन को आश्रय नहीं देने के लिए पाकिस्तान की ओर से कठाेर कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इससे पहले सोमवार को चीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति की ओर से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी करार दिए जाने संबंधी कदम उठाए जाने के मुद्दे पर वह ‘जवाबदेह समाधान’ के पक्ष में है तथा नियमों का अनुसरण करना चाहता है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने मीडिया से कहा कि चीन ने समिति के प्रक्रिया नियमों का अनुसरण करने के साथ ही जिम्मेदारी से भरा रुख अख्तियार किया है। हम केवल एक जवाबदेह समाधान की प्रक्रिया के जरिए ही संबंधित मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने जाेर दिया कि इस मुद्दे पर चीन की भूमिका स्पष्ट और तर्कसंगत है।
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किये जाने के लिए नया प्रस्ताव पेश किए जाने का मंतव्य जताया है। चीन की यह टिप्पणी उन रिपोर्टोँ के बाद सामने आई है, जिनमें कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थाई सदस्य 13 मार्च को परिषद की बैठक में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने का प्रस्ताव रखेंगे।
चीन ने हालांकि इस संबंध में अब तक अपनी ओर से उठाए जाने वाले औपचारिक कदम की घोषणा नहीं की है। इससे पहले तीन बार अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर चीन ने अड़चनें खड़ी की थी।
कांग ने कहा कि सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख अंग है और उसके कड़े मापदंड तथा प्रक्रिया के नियम हैं। चीन के उप विदेश मंत्री काेंग झुआंयू ने भी हाल में पाकिस्तान का दौरा किया था और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान तथा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से बातचीत की थी। इस बातचीत का हालांकि विस्तृत विवरण का अभी तक पता नहीं चला है।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सकारात्मक कदम की उम्मीद जताते हुए कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों को अजहर की पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों से मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का आह्वान किया है।
पिछले सप्ताह ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया था कि पुलवामा हमले के बाद आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक सफल रही थी।