कोटा। राजस्थान में कोटा में गणेश चतुर्थी के अवसर पर हर साल भरने वाला मेला इस बार वैश्विक कोविड-19 महामारी के खतरे के चलते नहीं भरेगा। यहां गणपति मंदिरों में भी पुजारियों के अलावा कुछ श्रद्धालु ही आएंगे और अन्य लोग अपने घरों पर ही गनाधिपति की स्थापना करेंगे।
कोटा के सबसे प्रसिद्ध रंगबाड़ी के खड़े गणेश जी के मंदिर पर हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक दिवसीय मेला भरता, है लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण मंदिर ट्रस्ट ने इस बार मेला आयोजित नहीं करने का निर्णय किया है। इसके अलावा अन्य वर्षो की तरह मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ भी नहीं उमड़े पाएगी।
मंदिर के ट्रस्ट के फैसले के अनुसार मंदिर के पुजारी और चुनिंदा भक्तगण स्वर्ण शृंगारिक गणेश प्रतिमा की पूजा-अर्चना करेंगे और 51 किलो लड्डू का भोग लगाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर शनिवार को इस बार गणपति विसर्जन के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में निकलने वाली शोभायात्रा भी नहीं निकलेगी ताकि एक ही जगह पर ज्यादा भीड़ भाड़ एकत्रित नहीं हो। हर बार शहर भर के गली- मोहल्लों में गणपति के पांडाल सजाए जाते रहे हैं लेकिन इस बार पांडाल नहीं सजेंगे बल्कि श्रद्धालु अपने घरों पर ही गणपति की स्थापना करेंगे और बाद में प्रतिमाओं का विसर्जन करेंगे।
कोटा में कई मंदिर के ट्रस्ट और आयोजन समितियों ने कोविड-19 के संक्रमण के चलते मंदिर में शनिवार को गणेश चतुर्थी पर भीड़ जुटने नहीं देने के अलावा पर्यावरण को देखते हुए केवल मिट्टी से बनी गणपति की प्रतिमाओं की ही पूजा अर्चना करने और बाद में उन्हें विसर्जित करने का निर्णय किया है। साथ ही यह प्रतिमाएं भी छोटे तीन से पांच फीट के आकार की ही होंगी।