राजगढ़। मध्यप्रदेश की राजगढ़ जिला पुलिस ने पांच आरोपियों को दो हजार और पांच सौ रूपयों के जाली नोट बनाकर चलाने के मामले में गिरफ्तार कर लगभग 31 लाख रूपए के नकली नोट जब्त कर लिए। आशंका है कि आरोपी लगभग चालीस लाख रूपए के जाली नोट पिछले एक वर्ष के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में चला चुके हैं।
जब्त किए गए दो हजार और पांच सौ के जाली नोट हूबहू असली नोट की तरह दिखते हैं और इन्हें देखकर पुलिस अधिकारी भी अचंभे में पड़ गए। शातिर आरोपी अत्याधुनिक प्रिंटर, स्कैनर, लैपटॉप, कागज और इंक की मदद से ये नोट तैयार कर रहे थे। अभी कुछ और आरोपियों की तलाश की जा रही है।
भोपाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक जयदीप प्रसाद ने आज बताया कि दो दिन पहले राजगढ़ जिले के भोजपुर थाना क्षेत्र से एक कार सवार तीन लोगों के कब्जे से 14 लाख 93 हजार रूपए के जाली नोट जब्त किए गए थे। दो हजार और पांच सौ रूपए के इन नोट के साथ पिस्टल भी मिली थी।
कार सवार सुशील विश्वकर्मा, नासिर खान और रामबाबू मीणा को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि होशंगाबाद जिले के बाबई में उनके साथी ये नोट तैयार करते हैं। अविलंब पुलिस वहां भी पहुंची और रईस खान तथा संतोष राणा को बाबई से गिरफ्तार किया गया। वे भी नोट छापने का कार्य कर रहे थे।
प्रसाद ने बताया कि बाबई से दो हजार और पांच सौ के जब्त किए गए जाली नोट का मूल्य सोलह लाख 19 हजार रूपए है। इस तरह दोनों स्थानों से लगभग इकतीस लाख रूपए मूल्य के नकली नोट जब्त किए गए।
प्रारंभिक पूछताछ में अारोपियों ने बताया कि उन्हें भोपाल के कुछ लोगों ने तीन करोड़ मूल्य के जाली नोट छापने का ठेका दिया था। आशंका है कि आरोपी पिछले एक वर्ष के भीतर लगभग 40 लाख रूपए मूल्य के जाली नोट छापे और बाजार में चला चुके हैं। इनके पूरे देश में पहुंचने की आशंका है।
आरोपियों के कब्जे से नकली नोट के अलावा प्रिंटर, स्कैनर, लैपटॉप, पिस्टल और अन्य सामान जब्त किया गया है। पुलिस इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों का भी पता लगा रही है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी जड़ तक जाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि नकली नोट कहां कहां चले हैं, इसके बारे में जांच पड़ताल की जाएगी। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इसके पीछे कहीं संगठित अापराधिक गिरोह का हाथ तो नहीं है।