नासिक। करोड़ों रुपए के बहुचर्चित स्टाम्प पेपर घोटाले के प्रमुख आरोपी अब्दुल करीम तेलगी समेत सभी आठ आरोपियों को सोमवार को नासिक की एक अदालत ने बरी कर दिया।
यह फैसला तेलगी की मौत के एक वर्ष से अधिक समय के बाद आया है। मेनिनजाइटिस की जानलेवा बीमारी से पीड़ित तेलगी की 26 अक्टूबर 2017 को बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में में निधन हो गया था।
जिला न्यायाधीश पीआर देशमुख ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए सबूतों के अभाव में तेलगी सहित सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया।
तेलगी को नवंबर 2001 में राजस्थान के अजमेर से गिरफ्तार किया गया था। उसको घोटाले के आरोप में वर्ष 2006 में 30 वर्ष की सजा दी गई थी। उस पर 202 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
अदालत ने तेलगी के अलावा ब्रजकिशोर तिवारी, रामभाऊ पवार, मोहम्मद सर्वर, प्रमोद डहाके, ज्ञानदेव वारके और विलास मोरे को भी बरी किया। इस मामले में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी और कर्मचारी भी आरोपी थे।
बीस हजार करोड़ रुपए से अधिक के स्टाम्प पेपर घोटाले की शुरुआत 90 के दशक के प्रारंभ में हुई। तेलगी पर जाली स्टाम्प पेपर छापकर बेचने का आरोप लगाया। तेलगी के खिलाफ मामले तो 1995 में ही दर्ज हो गए थे लेकिन गिरफ्तारी 2001 में हुई।