गाजियाबाद। गाजियाबाद के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय अग्रवाल के खिलाफ फर्जी स्टिंग ऑपरेशन करने और छवि धूमिल करने के एक मामले में शुक्रवार को जिला अदालत ने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। लेकिन जमानत की कार्यवाही पूरी नहीं होने के कारण देर शाम तक राजदीप को पुलिस हिरासत में रहना पड़ा।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में गाजियाबाद के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय अग्रवाल के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन कर चैनल पर खबर चलाई गई थी। बाद में यह स्टिंग झूठा और गलत साबित हुआ। इस मामले में पूर्व सीएमओ ने राजदीप सरदेसाई सहित नौ लोगों पर मानहानि का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
वर्ष 2008 से चले आ रहे इस मामले में राजदीप के अलावा आशुतोष, राघव बहल, अरुणोदय मुखर्जी, संजय राय चौधरी, हर्ष चावला, शमशाद खान, विनोद कुमार सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
संबंधित मामले में सभी आरोपियों ने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर रखा था जिसे पूर्व सीएमओ ने 2014 में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे रखी थी। उच्चतम न्यायालय ने जनवरी 2018 में इनलोगों पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए थे।
जिला अदालत में मुकदमा शुरू होने के बाद राजदीप सरदेसाई के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। लेकिन कई बार वारंट जारी होने के बाद वह अदालत में पेश नहीं हुए। जिसके बाद अदालत ने गैर जमानजी वारंट जारी किया। शुक्रवार सुबह राजदीप जिला अदालत में पेश हुए और दिन भर न्यायिक हिरासत में रहे।
इस मामले में अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी। अभी तक कुल नौ आरोपियों में से पांच को जमानत मिल चुकी है। गौरतलब है कि डॉ अजय अग्रवाल वर्तमान में नोएडा के जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात हैं।