बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में फेसबुक पर फर्जी महिला आईपीएस ने दोस्ती गांठ कर एक युवक से नौकरी दिलाने के एवज में एक लाख 85 हजार रूपए ठग लिए।
फेसबुक के जरिये बदायूं के एक युवक से दोस्ती की। उसने अपना नाम शर्मिष्ठा बेहरा बताया। सीआरपीएफ में नौकरी लगवाने के नाम पर उसने जान पहचान बढ़ाई। इसके बाद अपनी व्यक्तिगत मजबूरी बता कर युवक से 1.85 लाख रुपए ठग लिए। शिकायत पर बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा ने एसपी बदायूं को मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
बदायूं में उझानी के ग्राम सिरसौली के रहने वाले दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि मई में फेसबुक के जरिए उनकी दोस्ती कथित महिला आईपीएस शर्मिष्ठा बेहरा से हुई थी। शर्मिष्ठा ने बताया कि वह सीआरपीएफ ग्रुप सेण्टर जड़ौदा कला दिल्ली में असिस्टेंट कमांडेंट है। उसने बताया कि सीआरपीएफ में कुछ वेकेंसी निकलने वाली है। जिस पर दिवाकर ने अपने भाई को भर्ती करने के लिए कहा जिस पर उसने पूरा सहयोग देने और भर्ती करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद फर्जी महिला आईपीएस ने अपनी पारिवारिक समस्या बता कर फोन-पे के जरिये दिवाकर श्रीवास्तव से 40 हजार रुपए अपने खाते में डलवाए। कुछ समय के बाद फर्जी महिला आईपीएस में अपने ऑफिस से असिस्टेंट कमांडेंट की खाकी वर्दी और आईपीएस के बैज लगाकर दिवाकर श्रीवास्तव से ऑनलाइन वीडियो कॉल की। इससे दिवाकर को विश्वास हो गया कि वह महिला आईपीएस अफसर हैं।
कुछ समय बाद महिला ने अपनी मां का एक्सीडेंट बताते हुए दिवाकर को कहा कि उनके बैंक अकाउंट में गड़बड़ी होने की वजह से वह पैसे नहीं निकाल पा रही हैं, उन्हें कुछ रुपयों की मदद कर दे। कथित महिला आईपीएस ने दिवाकर श्रीवास्तव से फोन-पे के जरिए कई बार में 1.85 लाख रुपए अपने खाते में डलवाए। इसके बाद भी उन्होंने दो तीन बार रुपयों की मांग की। इसके बाद दिवाकर श्रीवास्तव को महिला के फर्जी आईपीएस होने का पता लगा।
दिवाकर ने आईजी रमित शर्मा को उनके साथ हुई ठगी की शिकायत की। शर्मा ने तत्काल उड़ीसा में सेवारत अपने बैच मेट से बात की तो पता चला की शर्मिष्ठा बेहरा नाम की कोई आईपीएस नहीं हैं। आईजी ने एसपी बदायूं को मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।