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अजमेर : 23वें फाल्गुन महोत्सव में लगे ठहाके, चले व्यंग्य बाण

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अजमेर : 23वें फाल्गुन महोत्सव में लगे ठहाके, चले व्यंग्य बाण

अजमेर। हर साल की तरह इस बार भी अजमेर का फाल्गुन महोत्सव शहर के हर आम और खास के लिए यादगार बन गया। बुधवार को खचाखच भरे जवाहर रंगमंच में लोगों ने होली की मस्ती का भरपूर आनंद उठाया।

शहर के पत्रकार, साहित्यकार, कलाकार, बुद्धिजीवियों आदि की ओर से आमजन के लिए आयोजित फाल्गुन महोत्सव में राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों आदि पर जब उनके कार्य व्यवहार के अनुरूप कटाक्ष किए गए तो दर्शकों की तालियां बज उठीं।

23वें फाल्गुन महोत्सव में हास्य की फुलझड़ियां, व्यंग्य बाण और चुटिले अंदाज में मंच संचालन के बीच हंसा हंसाकर लोटपोट कर देने वाली झलकियां, लघु नाटक आदि ने वाह वाही लूटी। कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव में टिकट की मांग को लेकर चल रही खींचतानी पर व्यंग्य कसता हुआ शुभंकर ‘ एक अनार, सौ बीमार ‘ प्रस्तुत किया गया। साथ ही फाग नृत्य, फाल्गुन समाचार, होली के गीत, झलकियां के साथ साथ शहर की प्रमुख हस्तियों के बीच गुदगुदाते अवार्ड दिए गए।

फाल्गुन महोत्सव में मूर्खाधिपति किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टांक को चुना गया जबकि महामूर्ख का खिताब जिला प्रमुख वंदना नोगिया को समर्पित किया गया। अन्य मूर्खमंडली में भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत, भास्कर के स्थानीय संपादक डॉ. रमेश अग्रवाल, महापौर धर्मेंद्र गहलोत, दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी और अजमेर डेयरी के सदर रामचंद्र चौधरी का चयन किया गया।

सभी को उनकी सालभर की गतिविधियों पर आधारित सवाल पूछे गए जिससे सभागार में हसीं के फव्वारे छूटते रहे। कार्यक्रम में आमजनता के लिए लक्की ड्रॉ के साथ पुरस्कार भी दिए गए।

गौरतलब है कि समिति शहर में पिछले 23 सालों से लगातार होली के मौके पर फाल्गुन महोत्सव आयोजित करती आई है जिसमें राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पत्रकार एवं बुद्धिजीवी भाग लेते आए हैं। लेकिन आज के कार्यक्रम में आदर्श आचारसंहिता के चलते राजनीतिज्ञों ने तो बढ़चढ़कर हिस्सा लिया लेकिन अधिकारियों ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी।