श्रीगंगानगर। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए देशभर के किसान संगठनों की अगुवाई में किसानों ने नई दिल्ली के लिए कूच करना शुरू कर दिया है।
देश के कई भागों से किसान रवाना हो चुके हैं। गुरुवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर में पंजाब सीमा से और अलवर में बहरोड से दिल्ली को किसान कूच करेंगे। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के किसान गुरुवार सुबह श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ नेशनल हाईवे 62 पर कैंचियां तथा श्रीगंगानगर के समीप पंजाब से लगते गांव साधूवाली में इसी हाईवे
पर इकट्ठा होंगे।
श्रीगंगानगर जिले में इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसानों के सबसे बड़े संगठन ग्रामीण मजदूर किसान समिति (जीकेएस) के प्रवक्ता संतवीरसिंह मोहनपुरा ने आज बताया कि हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं की गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं। पंजाब और राजस्थान से आने वाले किसानों को नई दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया है। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के किसानों ने पहले हनुमानगढ़ जिले के संगरिया से हरियाणा होते नई दिल्ली कूच करने की रणनीति बनाई थी। मगर संगरिया से आगे डबवाली में हरियाणा सरकार ने अंतर्राज्यीय सीमा सील कर दी है।
डबवाली के दूसरी तरफ मलोट मार्ग पर पंजाब से आज बड़ी संख्या में किसानों के जत्थे पहुंच गए हैं, जिन्हें हरियाणा सीमा पर रोक लिया गया। यहां पर किसानों की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (उगरहा) पंजाब के नेता कर रहे हैं। प्रवक्ता संतवीरसिंह मोहनपुरा ने बताया कि संगरिया से आगे अंतराज्यीय सीमा सील है, लेकिन जीकेएस का एक दल स्थिति का अवलोकन करने के लिए गया हुआ है। हरियाणा सरकार की यहां पर ज्यादा सख्ती को देखते हुए रणनीति में बदलाव किया गया है। नई रणनीति के तहत दोनों जिलों के किसानों से कैंचियां और साधूवाली में पहुंचने का आह्वान किया गया है। साधुवाली से दोपहर 12 बजे किसान पंजाब में प्रवेश कर अबोहर मलोट होते डबवाली पहुंचेंगे।
पंजाब में फिलहाल कोई रोक नहीं है। हरियाणा सीमा में प्रवेश नहीं करने देने पर वहीं पर धरना लगा दिया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि राजस्थान के जयपुर तथा आसपास के जिलों के किसान कल गुरुवार को बहरोड़ से होते नई दिल्ली को कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा की तरह राजस्थान में भी किसान नेताओं की गिरफ्तारियां की जाती हैं तो किसान संगठनों के दूसरी पंक्ति के पदाधिकारी आंदोलन की कमान संभालेंगे। इसकी पूरी रणनीति बना ली गई है।
उल्लेखनीय है कि देशभर के लगभग 450 किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने 26 नवंबर को किसानों से दिल्ली कूच का आह्वान किया है। यह किसान 27 नवंबर को दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली में अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया गया है। संयुक्त मोर्चा ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि किसानों को जहां रोका गया, वहीं पर ही धरने लगाकर यातायात ठप कर देंगे। दिल्ली में प्रवेश करने के 5 राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर धरने लगाने की चेतावनी दी गई है।