जयपुर। केन्द्र कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के भारत बंद का राजस्थान में असर मिला जुला नजर आया।
सीकर, गंगानगर, हनुमानगढ़ आदि जिलों में बाजार एवं मंडियां बंद रही वहीं राजधानी जयपुर तथा अलवर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर समेत कई जिलों में किसानों के रैलियां एवं प्रदर्शन से सड़कों पर जाम लगा।
जयपुर में किसानों ने रैली निकाली और यह रैली पूर्वाह्न ग्यारह बजे शहीद स्मारक से रवाना हुई और इससे एमआई रोड पर जाम लग गया। बाद में पुलिस ने जाम खुलवाया। मुख्य बाजारों से किसान रैली निकाली और दुकानदारों से बाजार बंद करने के लिए अपील भी की। किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
जोधपुर जिले में भारत बंद के तहत केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया गया जहां किसानों के साथ कांग्रेस के लोगों ने भी भाग लिया। इसी तरह कोटा में भी विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
बंद के तहत अलवर जिले में किसानों ने शाहजहांपुर बॉर्डर पर दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जाम लगा दिया जिससे हाई-वे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। पुलिस ने खासी मशक्कत कर जाम खुलवाया। इसी तरह नागौर जिले में भी बंद का असर देखने को मिला और जिले के डीडवाना कस्बे में बाजार बंद रहे।
सीकर शहर में बाजार बंद रहे तथा किसान नेता अमराराम चौधरी तथा अन्य किसान नेताओं ने बाजार बंद करने की अपील की तथा केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह प्रदेश के अन्य कुछ जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए गए।
किसानों के भारत बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया था। प्रदेश कांग्रस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किसानों का गला घोंटने के लिए लाए गए काले कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान संगठनों ने शांतिपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया। भाजपा के अत्याचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी हर लड़ाई में अन्नदाता के साथ खड़ी है और राजस्थान कांग्रेस भारत बंद का पूर्णतः समर्थन करती है।
अजमेर में भारत बंद का असर नहीं दिखा
अजमेर में आज केन्द्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों द्वारा आयोजित भारत बंद बेअसर रहा। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर किसानों की मांगों के समर्थन तथा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के लिए विरोध कर रहे किसान मोर्चा ने बंद का आह्वान किया था लेकिन अजमेर शहर में सुबह से ही बंद बेअसर रहा और जनजीवन एवं यातायात सामान्य दिनों की तरह चलता रहा। बंद के आह्वान सुबह छह बजे से अपराह्न चार बजे तक के दौरान सभी बाजार पूरी तरह खुले रहे।