तखतगढ़ (पाली)। पाली एवं जालोर जिले की जीवन रेखा माना जा रहा जवाई बांध के कमांड क्षेत्र के चाही भूमि के किसान कमांड के पाण की मांग को लेकर मंगलवार को सीएम से मिलने के लिए जयपुर प्रस्थान करेगें।
61 फीट की भराव क्षमता वाले इस बांध के अधीन सैकड़ों काश्तकारों की भूमि आज भी असिंचित है। पूर्व में कमांड में कृषि कुआ होने से इन काश्तकारों की भूमि को जवाई बांध के कमांड से वंचित रखा गया था। लेकिन, समय के साथ कुओं का पानी सूख गया। इस कारण खेतों में पाण का पानी नही पहुंच पा रहा है। वे लंबे समय से पानी की की मांग करते आ रहे है। मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत से समय मिलने के बाद वे पाली एवं जालोर जिले के कमांड से सैकड़ों किसान जयपुर से रवाना होगें।
एक नजर जवाई बांध पर-पाली जिले के सुमेरपुर तहसील के जवाई बांध का निर्माण 12 मई 1946 ईस्वी को जोधपुर रियासत के महाराजा उम्मेदसिंह ने करवाया थाा। रियासत काल में इस बांध का निर्माण स्टेट के इंजीनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ था। राजस्थान के गठन के बाद सन 1956 में मुख्य अभियंता मोतीसिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ। इसको बनाने में कुल व्यय 2 करोड 7 लाख रूपए लगा था। इस बांध 7887.5 क्यूबिक फीट की क्षमता है। खेती योग्य क्षेत्रफल 102,315 एकड़ क्षेत्र है। बांध की मुख्य नींव में सीसा धातु निर्मित है। जवाई बांध को मारवाड़ का अमृत स्रोत कहा जा रहा है। जवाई बांध की जलापूर्ति के लिए उदयपुर के कोटड़ा तहसील में सेई परियोजना बनाई गई।
चाही किसानों ने तखतगढ़ में बैठक-जयपुर प्रस्थान को लेकर सोमवार रात को कस्बे के होलीचौक स्थित चौंदरा माता मंदिर में बैठक ली। बैठक से पूर्व माता जी मे पूजा अर्चना व नारीयल ज्योति की। इस मौके पर सर्व सहमति नामों पर एक राय ली।