श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शनिवार को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) घोटाला मामले यहां एक अदालत में उपस्थित हुए। फारूक ने कथित तौर पर हवाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर दायर मामले में 50 हजार रुपए का एक जमानती बांड जमा किया।
फारूक के वकील इश्तियाक अहमद खान ने बताया कि अब्दुल्ला को दो मामलों में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रीनगर की अदालत में पेश होना था। इनमें से एक केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर मामला है, जबकि दूसरा ईडी की ओर से दायर किया गया है, जो जेकेसीए में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत है।
उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला सीबीआई की अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा फारूक साहब के खिलाफ प्राथमिकी को आरोपों और आरोप मुक्त करने के मुद्दे पर बहस के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन चूंकि सीबीआई ने एक नए वकील को नियुक्त किया है, इसलिए तर्क समाप्त नहीं किया जा सका। इस मामले में उन्हें अदालत में पेश होना था, लेकिन हमने इसके लिए छूट हासिल कर ली थी।
उन्होंने बताया कि ईडी मामले में अब्दुल्ला व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए। ईडी मामले में अब्दुल्ला और जेकेसीए के अन्य सदस्यों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि फारूक साहब को आज व्यक्तिगत रूप से पेश होना था, क्योंकि वह माननीय अदालत से जमानत लेना चाहते थे। हमने उसे पहले हाफ (दिन के) में छूट दी, लेकिन दूसरे हाफ में वह व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए और 50,000 रुपये का जमानत बांड जमा किया। उन्होंने बताया कि दोनों मामलों में 26 सितंबर को बहस होनी है।
उन्होंने बताया कि ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दायर एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें अब्दुल्ला और जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ 2002 से 2012 तक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट निकाय में 113 करोड़ रुपए से अधिक के धन के दुरुपयोग से संबंधित मामला दर्ज किया गया था। यह कथित घोटाला 2012 में सामने आया था।
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के आदेश पर प्रदेश पुलिस से 2015 में यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। उल्लेखनीय है कि ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री की करीब 12 करोड़ रुपए की व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियों को पहले ही कुर्क कर लिया है।