नई दिल्ली। सरकार ने वाहनों का पंजीकरण करने या वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने से पहले उसका फास्टैग विवरण लेना अनिवार्य कर दिया है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी और बताया कि नये वाहन का पंजीकरण करने या राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने से पहले उनका फास्टैग विवरण लेना ज़रूरी किया गया है। इसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए फास्टैग व्यवस्था को वाहन पोर्टल से जोड़ दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि वाहन-वीएएचएएन पोर्टल के साथ राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह-एनईटीसी को जोड़ने का काम मई में पूरा हो गया था और तब से वाहन प्रणाली वीआईएन – वीआरएन के माध्यम से फास्टैग पर सभी जानकारी हासिल की जा रही है।
सरकार का कहना है कि एम और एन श्रेणी के वाहनों की बिक्री के समय नये वाहनों में फास्टैग लगाना 2017 में अनिवार्य किया गया था लेकिन बैंक खाते के साथ जोड़ने या उन्हें सक्रिय किए जाने से लोग बच रहे थे लेकिन अब इसकी जांच की जाएगी।
मंत्रालय का कहना है कि फास्टैग से जहां राष्ट्रीय राजमार्ग के इस्तेमाल के समय टोल प्लाजा पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आसान होता है, नकद भुगतान से बचा जाता है वहीं इसका उपयोग कोरोना के प्रसार की आशंकाओं को कम करने में भी प्रभावी होगा।