भीलवाड़ा। आसींद के रूपपुरा गांव के सरकारी स्कूल की महिला अध्यापिका की ओर से बांटी गई धर्म विरोधी किताबों को लेकर विवाद हो गया है।
अध्यापिका ने विद्यार्थियों को कहा कि इस किताब को पढ़कर भगवान में आपका विश्वास खत्म हो जाएगा। अध्यापिका ने भगवान राम और ब्रह्मा के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की। बच्चों ने अभिभावकों को बताया तो स्कूल में प्रदर्शन किया। मामले में पुलिस ने टीचर को अरेस्ट कर लिया और कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अध्यापिका की जमानत खारिज कर दी।
मामला आसींद के रूपपुरा गांव के सरकारी स्कूल का है। यहां महिला अध्यापिका निर्मला कामड़ की ओर से 2 मार्च को किताब हिन्दुइज्म धर्म या कलंक स्टूडेंट्स को बांटी। स्कूल के 12वीं क्लास के विद्यार्थियों ने बताया कि टीचर निर्मला कामड़ देवी-देवताओं के बारे में गलत भावना फैला रही थी। इसको लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को प्रदर्शन किया था। मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने मामला दर्ज कर अध्यापिका को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से जमानत रद्द हो गई।
महिला अध्यापिका का एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें उसने ग्रामीणों की ओर से परेशान करने की बात भी कही है। हालांकि आसींद कोर्ट ने महिला अध्यापिका की ओर से विद्यार्थियों में बांटी विवादित किताब के मामले को गंभीर मानते हुए जमानत याचिका खारिज कर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। इधर कुछ संगठन महिला शिक्षक के पक्ष में उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि महिला अध्यापिका ने स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को एलआर बाली की ओर से लिखी हिन्दुइज्म धर्म या कलंक नाम की किताब बांटी थी। महिला अध्यापिका ने विद्यार्थियों से कहा था, इस किताब को पढ़ना तुम्हारे दिमाग से अपने धर्म से जुड़ी सभी बातें साफ हो जाएगी।
इस मामले में अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भंवर लाल सेन ने बताया कि महिला शिक्षक की ओर से दो मार्च को दो-तीन धर्म विरोधी किताबें बांटने के बाद एपीओ कर दिया गया था। साथ ही इस संबंध में पूरी जांच कर कार्रवाई भी की जाएगी।