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Festive atmosphere in the village of Nirbhaya in Ballia Uttar Pradesh - Sabguru News
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निर्भया के गांव बलिया में उत्सव का माहौल

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निर्भया के गांव बलिया में उत्सव का माहौल
Festive atmosphere in the village of Nirbhaya in Ballia Uttar Pradesh
Festive atmosphere in the village of Nirbhaya in Ballia Uttar Pradesh
Festive atmosphere in the village of Nirbhaya in Ballia Uttar Pradesh

बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में शुक्रवार को निर्भया के गांव में उत्सव का माहौल था। गांव की गलियों में बजते पटाखे व फूलझड़ियां दिवाली का दृश्य उपस्थित कर रहे थे।

फिजां में उड़ते अबीर-गुलाल ने गांव को खुशियों के रंग में रंग डाला था। निर्भया कांड के दोषियों के फांसी पर लटकने के बाद शुक्रवार को गांव के लोगों ने अनार फोड़े और एक दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाकर होली व दीवाली एक साथ मनायी ।

शुक्रवार को निर्भया कांड के दोषियों को फांसी दिए जाने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची,सारा गांव निर्भया के बाबा लालजी सिंह के दरवाजे पर इकट्ठा हो गया। खुशी के आवेग से बाबा की आंखें बार-बार भर जा रही थीं।चाचा सुरेश सिंह की स्थिति भी कुछ ऐसे ही थी।

गांव ने होली से पहले ही यह एलान कर दिया था कि गांव उस दिन होली मनाएगा जिस दिन गांव की बेटी के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को फांसी दी जाएगी। होली के दिन इस गांव में न तो किसी ने रंग खेला और न ही किसी ने किसी को गुलाल ही लगाया था। लेकिन आज जैसे ही गांव में दरिंदों को फांसी दिए जाने की सूचना पहुंची समूचा गांव जश्न में डूब गया। पटाखे फूटने लगे।

सबसे पहले गांव ने निर्भया के बाबा के चेहरे पर गुलाल लगाया और फिर सारा गांव रंगोत्सव में डूब गया। सभी की आंखों से खुशी के आंसू छलक-छलक जा रहे थे। खुशी का आवेग जब कुछ थमा तो बाबा लालजी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत शुरू की। उन्होंने कहा कि आज का दिन देश के बेटियों के लिए निर्भय होने का दिन है।

उन्होंने सरकार से 20 मार्च की तिथि को निर्भया दिवस घोषित करने की मांग की। बाबा को इस बात का मलाल है कि निर्भया को लेकर सरकार ने जितने भी वादे किए थे वे सब अधूरे पड़े हैं। गांव में निर्भया की याद में अस्पताल तो बना लेकिन चिकित्सा के लिए डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं की गयी। सड़कों व नाली से गांव को संतृप्त करने का वादा आज भी पूरा नहीं हुआ है।

निर्भया के बाबा लालजी सिंह ने कहा कि निर्भया कांड के दरिंदों की फांसी के बाद अब उनका संघर्ष सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा कराने के लिए जारी रहेगा।